अनुच्छेद 370: कर्ण सिंह बोले- फैसले का स्वागत, उमर-आजाद को हुई निराशा

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा है। इस दौरान अपने फैसले में पीठ की अध्यक्षता कर रहे देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश के सभी राज्यों के पास विधायी और कार्यकारी शक्तियां हैं। संविधान का अनुच्छेद 370 अलग-अलग राज्यों को विशेष दर्जा देने का उदाहरण है। यह साफ तौर पर असममित संघवाद का उदाहरण है। जम्मू कश्मीर की भी अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरह कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं है। आइए जानते हैं सुप्रीम फैसले को लेकर लोगों का क्या कहना है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले सुनकर बहुत निराशा हुई- गुलाम नबी आजाद

डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सुनकर बहुत निराशा हुई। उन्होंने कहा कि वह पहले ही कह चुके हैं कि इस पर सिर्फ दो ही अदारे फैसला ले सकते हैं केंद्र सरकार या सुप्रीम कोर्ट। केंद्र सरकार तो अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को बहाल नहीं करेगी। सुप्रीम कोर्ट यह उम्मीद थी, लेकिन आज यह उम्मीद भी खत्म हो गई। अनुच्छेद 370 और 35ए के साथ प्रदेश के लोगों को भाव जुड़े हुए थे। आज ये दोनों अनुच्छेद खत्म हो गए।

यहां पहुंचने के लिए भाजपा को दशकों लगे, हम लंबी दौड़ के लिए तैयार- उमर अब्दुल्ला

उमर अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह इस फैसले से निराश हैं, लेकिन हतोत्साहित नहीं। उनकी पार्टी का संघर्ष जारी रहेगा। यहां तक पहुंचने में भाजपा को दशकों लग गए। हम भी लंबी दौड़ के लिए तैयार हैं।

फैसले का स्वागत, पीएम से अनुरोध जल्द राज्य का दर्ज बहाल हो- कांग्रेस वरिष्ट नेता कर्ण सिंह

महाराजा हरि सिंह के बेटे एवं कांग्रेस के विरिष्ट नेता कर्ण सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बहुत बारीकी से हर एक चीज को देखा है। सभी परिस्थितियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट उस नतीजे पर पहुंची है। वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। लेकिन इस फैसले से जम्मू कश्मीर के कुछ लोगों को नाखुशी होगी। हालांकि अब यह स्पष्ट हो गया है कि जो कुछ भी हुआ वह संवैधानिक रूप से वैध है। वह पीएम मोदी से अनुरोध करते हैं कि जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल किया जाए। जरूरी नहीं है कि पहले चुनाव हो फिर राज्य का दर्जा मिले। चुनाव हो तो राज्य के लिए हो, केंद्र शासित प्रदेश के लिए क्यों हों। चुनाव सिंतबर तक कराने की बात कही गई है ये अच्छी बात है।

अनुच्छेद 370 और 35ए को जाना ही था- रि. ले. जनरल केजेएस ढिल्लो

सेना के 15 कोर के पूर्व जीओसी रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजीएस ढिल्लो ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कहा अनुच्छेद 370 और 35ए को जाना ही था। पूर्व अधिकारी ने कहा कि उन्होंने अपनी किताब ‘कितने गाजी आए, कितने गाजी गए’ में बहुत पहले ही लिख दिया था।

370 हमेशा हमारी राजनीतिक आकांक्षाओं का हिस्सा बना रहेगा- सज्जाद लोन

जम्मू कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने कहा कि अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला निराशाजनक है। एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के लोगों को न्याय नहीं मिल पाया। अनुच्छेद 370 भले ही कानूनी रूप से खत्म कर दिया गया हो, लेकिन यह हमेशा हमारी राजनीतिक आकांक्षाओं का हिस्सा बना रहेगा।

राज्य के दर्जे के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर टिप्पणी करने से भी परहेज किया और इस प्रकार पूर्वता का हवाला देकर पूरे देश को भविष्य में किसी भी दुरुपयोग से बचाया। फिर भी उसी दुरुपयोग को जम्मू-कश्मीर में सूक्ष्मता से समर्थन दिया गया। आशा है कि भविष्य में न्याय अपनी दिखावे की नींद से जाग उठेगा।

Reaction on Supreme Court judgement on Article 370 in Jammu and Kashmir

महबूबा बोलीं- यह हमारी हार नहीं, यह भारत देश की हार है

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने एक वीडियो संदेश जारी कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह जम्मू कश्मीर के लोगों की हार नहीं बल्कि भारत देश की हार है। उन्होंने इसे आइडिया ऑफ इंडिया की हार करार दिया।

उन्होंने कहा, प्यारे हमवतनों, हिम्मत नहीं हारे, उम्मीद न छोड़े। जम्मू-कश्मीर ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला एक मुश्किल पड़ाव है, पर यह मंजिल नहीं है… हमारे विरोधी चाहते हैं कि हम उम्मीद छोड़कर इस शिकस्त को स्वीकार करें… यह हमारी हार नहीं यह भारत देश की हार है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘देशवासियों से कहना चाहती हूं कि आपमें से कई लोग इस बात की खुशी मनाते हैं कि हमें घरों में नजरबंद किया गया। कार्यकर्ताओं को थाने में बंद किया गया। 2019 में जम्मू कश्मीर के संविधान और झंडे को छीना गया। यह बात यहां रुकने वाली नहीं है। भारतीय संविधान और तिरंगा झंडा, जिसके नीचे आजादी की लड़ाई गई, भाजपा उन्हें भी छीनने में देर नहीं लगाएगी। लेकिन उस वक्त हम जश्न नहीं मनाएंगे। बल्कि दुआ करेंगे कि आप भी हिम्मत और हौसले के साथ इनका मुकाबला करें। कोई फैसला अटल नहीं होता, चाहें वो सुप्रीम कोर्ट का क्यों न हों। जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों को उम्मीद के साथ आगे बढ़ने और एकजुट होने का आह्वान किया।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कोई आश्चर्य नहीं -इल्तिजा मुफ्ती

महबूबा मुफ्ती की बेटी एवं उनकी मीडिया सलाहकार इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कोई आश्चर्य नहीं है। यह फैसला संविधान को बरकरार रखने के बजाय बहुसंख्यकवादी भावना को बढ़ावा देता है। यह अलगाव इस बात से स्पष्ट दिखाता है कि पूरे देश में जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए काला दिन कैसे मनाया जा रहा है। सरासर शाडेनफ्रायड। बता दें, शाडेनफ्रायड- एक जर्मन शब्द है, जिसका अर्थ है दूसरे के दुर्भाग्य में खुशी का भावनात्मक अनुभव करना।

हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा: पीडीपी

फैसला आने से पहले नेताओं ने क्या कहा-

नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद हसनैन मसूदी कहते हैं कि ”हमें उम्मीद है कि फैसला जम्मू-कश्मीर के लोगों के पक्ष में होगा। हम शांति के पक्ष में हैं। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा।

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले याचिकाकर्ताओं में से एक अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष मुजफ्फर शाह ने सोमवार को कहा कि शीर्ष अदालत में दलीलों के अनुसार, हम पहले ही केस जीत चुके हैं। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ करेगी। तय करें कि क्या केंद्र ने 5 अगस्त 2019 को रद्द करने का फैसला लिया था। संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधान जो विशेष दर्जा प्रदान करते हैं, पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य संवैधानिक रूप से वैध था। 

हम देश के संविधान के अनुसार फैसले की उम्मीद करते हैं। जैसा कि सीजेआई ने कहा था कि वह संविधान के पहले और आखिरी अनुयायी हैं। हमने अदालत के सामने जो तर्क रखे हैं, उसके अनुसार हम पहले ही यह केस जीत चुके हैं। देखते हैं अब क्या होगा, जम्मू कश्मीर और लद्दाख एक ही पृष्ठ पर खड़े हैं। अनुच्छेद 370 को अपने आकार में वापस आना होगा। शाह ने एएनआई को बताया कि हम अच्छे के लिए आशान्वित हैं और सबसे बुरे के लिए तैयार हैं।

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के नेता आरएस चिब कहते हैं कि यह एक ऐतिहासिक फैसला होने जा रहा है।

याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील मुजफ्फर इकबाल कहते हैं कि हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ न्याय करेगा। हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट हमारे पक्ष में फैसला करेगा। सुप्रीम कोर्ट आज जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाएगा।

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले पीडीपी नेता मोहम्मद सैयद खान ने कहा कि हमें अपनी न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।

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