मंत्री का पदभार संभालते ही दिलावर बोले- कांग्रेस राज के इंग्लिश मीडियम स्कूलों का करेंगे समीक्षा

राजस्थान के नए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शनिवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों की पहली बैठक के बाद कहा कि हम इंग्लिश मीडियम स्कूलों का रिव्यू करेंगे। क्योंकि नई शिक्षा नीति में पहली से पांचवीं कक्षा तक मातृ भाषा में शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है।

गौरतलब है कि पिछली गहलोत सरकार ने इंग्लिश मीडियम स्कूलों को अपनी फ्लैग शिप स्कीम में शामिल किया था। चुनावी साल में पेश किए गए बजट में पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने हर पंचायत में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जाने की घोषणा की थी। तत्कालीन शिक्षा मंत्री और अब राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस योजना को लागू किया था। सभी जिलों में इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले गए थे। हालांकि, नए स्कूल खोलने के बजाय हिंदी माध्यम के स्कूलों को ही अंग्रेजी माध्यम में बदला जा रहा था और इसके लिए पर्याप्त टीचर भी उपलब्ध से नहीं हो रहे थे। क्योंकि नए इंग्लिश मीडियम टीचर्स की भर्ती भी नहीं की गई थी।

विपक्ष में रहने के दौरान बीजेपी हालांकि अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का खुलकर विरोध नहीं कर रही थी। लेकिन टीचर्स नहीं होने को मुद्दा जरूर बना रखा था। अब सरकार बदलने के बाद इन महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को समीक्षा में लाने की बात कही जा रही है। शनिवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ अपनी पहली बैठक के बाद नए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि नई शिक्षा नीति में प्रावधान है कि कक्षा एक से पांचवीं तक मातृभाषा में पढ़ाया जाए। जबकि अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में इंग्लिश में पढ़ाई करवाई जा रही है। ऐसे में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को लेकर अध्ययन और रिव्यू किया जाएगा। वैसे भी जिन स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचर ही नहीं हैं तो उनका कोई उपयोग नहीं है। 

इसके साथ ही शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने पाठ्यक्रम को रिव्यू करने की बात भी कहीं। दिलावर ने कहा, पूर्व कांग्रेस सरकार के वक्त सिलेबस में भी बदलाव किया गया है। ऐसे में हमारी सरकार फिर से सिलेबस का रिव्यू करेगी। क्योंकि अगर दो और दो को पांच पढ़ाया जा रहा होगा। वह पूरी तरह गलत होगा। जो घटनाएं हुई ही नहीं होगी, अगर उन्हें पढ़ाया जा रहा है। इसका बदलाव करना बेहद जरूरी है। शिक्षा विभाग की जो भी योजनाएं विद्यार्थियों और देश के हित में होगी। हम उसे लागू करेंगे। जो भी योजनाएं ऐसी होगी, जिससे विद्यार्थियों का अहित हो रहा होगा, उसे बंद कर देंगे।

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