असदुद्दीन ओवैसी अटैक: हमलावरों ने बताया कि हमले में उन दोनों के अलावा कोई और शामिल नहीं

एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की कार पर फायरिंग के आरोपी सचिन और शुभम से पुलिस ने बृहस्पतिवार की रात आठ घंटे से अधिक पूछताछ की। इसमें उन्होंने बताया कि हमले में उन दोनों के अलावा कोई और शामिल नहीं है। न ही इसका कोई मास्टरमाइंड है। असदुद्दीन और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी के नफरत भरे भाषणों से आहत होकर उन दोनों ने ही यह साजिश रची थी। काफी समय से हमले की तैयारी कर रहे थे, लेकिन मौका नहीं मिल रहा था। मौका मिलते ही हमला कर दिया। पुलिस ने दोनों के परिजनों से भी पूछताछ की ताकि यह पता चल सके कि दोनों झूठ तो नही बोल रहे। दोनों के सोशल मीडिया अकाउंट खंगाले गए। इनके मोबाइल की कॉल डिटेल और लोकेशन भी निकलवाई गई। पुलिस की एक टीम सचिन के घर और एक शुभम के घर भेजी गई। 

ओवैसी पर हमला करने मेरठ भी गए थे सचिन और शुभम
असदुद्दीन ओवैसी पर हमला करने के आरोपी सचिन और शुभम मेरठ भी आए थे। दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह 15 दिन से लगातार ओवैसी का पीछा कर रहे थे। चुनावी सभा करने के लिए जहां भी ओवैसी जाते थे, वहीं पर दोनों आरोपी हमला करने के इरादे से पहुंच जाते थे।

Attack on Asaduddin Owaisi

पुलिस के मुताबिक गुरुवार को ओवैसी मेरठ में लिसाड़ीगेट और किठौर में गए थे। किठौर में जनसंपर्क करने के बाद वह दिल्ली लौट रहे थे। हापुड़ में छिजारसी टोल प्लाजा पर सचिन और शुभम ने कार के निचले हिस्से पर गोलियां चलाई गईं थीं। हालांकि इसमें ओवैसी बच गए।

Attack on Asaduddin Owaisi

दोनों ने पूछताछ में बताया है कि वह मेरठ में भी हमला करने के लिए गए थे। भीड़भाड़ के चलते मेरठ में हमला नहीं किया जा सका। बाद में हापुड़ में टोल प्लाजा पर हमला किया। आईजी मेरठ रेंज प्रवीण कुमार ने बताया कि दोनों आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लेगी। आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।

Attack on Asaduddin Owaisi

पुलिस ने बताया कि पहले तो दोनों ने सवालों के गोलमोल जबाब दिए। बाद में सही जानकारी दी। सबसे अहम सवाल यह था कि हमले के पीछे कोई और तो नहीं है। साथ ही यह भी मालूम करना था कि हमले की वजह क्या है पूछताछ में सवाल और जवाब कुछ इस तरह से रहे।
 

गोली चलाता हुआ आरोपी

सवाल – तुम दोनों एक दूसरे को कैसे जानते हो? तुम्हारी दोस्ती कब और कैसे हुई?
जवाब- हमारी दोस्ती 2018 में हुई। इसका माध्यम निखिल गुर्जर (सचिन का दोस्त) और निशांत शर्मा (शुभम का दोस्त) बने। निखिल और निशांत पहले से दोस्त थे। उन दोनों ने हमारी मुलाकात गाजियाबाद में कराई।

हमलावर

सवाल – मुलाकात के बाद दोस्ती यहां तक कैसे पहुंची?
जवाब- हम दोनों की विचारधारा एक जैसी है कट्टर हिंदुत्ववादी। इसलिए, हमारे विचार मिल गए और दोस्ती गहरी होती चली गई। फोन पर बातें होने लगीं और फिर मिलना-जुलना शुरू हो गया।

कार पर गोलियों के निशान

सवाल – ओवैसी पर हमले का प्लान कब और क्यों बनाया ?
जवाब – हमारी दो-तीन मुलाकात के बाद ही चर्चा का बिंदु ओवैसी भाइयों के भाषण बन गए। 2018 में ही हमने कसम ले ली थी कि एक दिन इन्हें सबक सिखाना है। काफी दिन इस पर बात की लेकिन कोई उपाय नहीं सूझा। कुछ दिन पहले ही यह तय किया कि हम ऐसा कुछ करेंगे जिससे इन दोनों को सबक मिले और ये नफरत भरी बातें करना बंद करें।

फायरिंग करता हमलावर

सवाल – ओवैसी के छिजारसी टोल प्लाजा पर आने की जानकारी कैसे मिली?
जवाब – कुछ दिन पहले ही तय कर लिया था कि उनकी कार पर गोली चलानी है। इसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी हर जानकारी रखने लगे। समर्थकों ने पोस्ट डाल रखी थी कि ओवैसी बृहस्पतिवार को किठौर में होंगे। वहीं पर हमला करने की योजना बनाई थी।

Owaisi Car Firing

सवाल – साजिश किठौर में हमले की थी तो छिजारसी में क्यों किया ?
जवाब – हम किठौर गए थे। वहीं पर कार पर गोली चलाना चाहते थे लेकिन यह जोखिम भरा था, क्योंकि भीड़ थी। अगर वहां गोली चलाते तो ओवैसी के समर्थकों से बचकर निकल पाना मुश्किल होता। इसलिए, छिजारसी टोल पर आ गए। मालूम था कि दिल्ली जाने के लिए ओवैसी यहां से होकर जाएंगे और टोल प्लाजा पर गाड़ी धीमी होगी।

पुलिस गिरफ्त में दोनों आरोपी

सवाल – हमले के लिए हथियार किसने दिए ?
जवाब – किसी ने दिए नहीं, खरीदे थे। सुन रखा था कि किठौर में अवैध असलाह बिकते है। कुछ दिन पहले वहां गए। कुछ लोगों से बात की। एक दलाल मिल गया। उसने हथियार दिलवा दिए। किठौर में कई लोग हथियार बेचते हैं।

आरोपी सचिन

सवाल – तुम्हारा किसी पार्टी से तो कोई संबंध नहीं है?
जवाब -हमारा किसी पार्टी या अन्य किसी राजनीतिक गुट से कोई संबंध नहीं है। मैंने (सचिन) गाजियाबाद के एमएमएच कॉलेज में पढ़ाई करते समय वर्ष 2014 में छात्र संघ का चुनाव भी निर्दलीय लड़ा था।

हमले के बाद ओवैसी

अपने पर हुए हमले पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से कहूंगा कि आप इसकी अच्छे से जांच कराओ, आपकी सरकार में क्रिकेट मैच के बारे में कुछ लिखने पर आपने एनएसए लगा दिया था, आपकी सरकार ने कई दिनों तक लोगों को कस्टडी में रखा। इस मामले में भी आप इंसाफ करो।

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