निचली अदालतों पर भार कम करने के लिए 1 लाख केस वापस लेगी असम सरकार

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि उनकी सरकार 1 लाख छोटे मामले वापस लेगी ताकि निचली अदालतों पर बोझ कम किया जा सके. इन केस में वो भी शामिल होंगे जो सोशल मीडिया पोस्ट के लिए हुए थे. इसके साथ ही उन्होंने एक और बड़ी बात कही. सरमा ने कहा कि असम कभी भारत नहीं छोड़ेगा, उम्मीद है कि जो अभी भी ‘संप्रभुता’ का सपना देख रहे हैं वे चर्चा करने के लिए टेबल पर लौटेंगे.

76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गुवाहाटी में तिरंगा फहराने के बाद मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि निचली अदालतों में लगभग 4 लाख केस पेंडिंग हैं. सरकार ने फैसला किया है कि 14 अगस्त 2021 की आधी रात से पहले जो भी छोटे केस दर्ज किए गए थे, उन्हें वापस ले लिया जाएगा. इससे अदालतें रेप और मर्डर जैसे जघन्यों मामलों पर ज्यादा फोकस कर पाएंगी.

असम समेत नॉर्थईस्ट के 5 राज्यों में स्वतंत्रता दिवस के जश्न का बॉयकॉट करने वाले और टोटल शटडाउन का आह्वान करने वाले उग्रवादी समूहों ULFA(I) और NSCN को सीधा जवाब देते हुए सरमा ने कहा कि संप्रभुता पर कोई बात नहीं हो सकती है और असम भारत को कभी नहीं छोड़ेगा.

‘हर घर तिरंगा’ अभियान की सफलता पर सीएम ने कहा कि लोगों ने पिछले 3 दिनों में तिरंगा के लिए जो प्रेम दिखाया है, उससे पता चलता है कि असम हमेशा भारत के साथ है. मुझे उम्मीद है कि जो अभी भी स्वतंत्र राज्य का सपना देख रहे हैं वो चर्चा करने आएंगे और मिलकर राज्य के विकास के लिए काम करेंगे.

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सरमा ने ट्वीट किया कि हमारे स्वतंत्रता नायकों ने इस महान राष्ट्र की महिमा को वापस लाने और इसके नागरिकों को मुक्त करने के लिए बहुत बड़ा बलिदान दिया. हम उनके सदैव ऋणी रहेंगे. 76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गुवाहाटी में शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. जय हिन्द!

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