लांगदिंग। मणिपुर में असम राइफल्स के काफिले पर हमले की घटना के बाद बल के जवानों ने अरुणाचल प्रदेश के सीमांत जिला लोंगडिंग में उग्रवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। असम राइफल्स के वीर जवानों ने प्रतिबंधित नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल आफ नगालैंड- केवाईए (एनएससीएन-केवाईए) संगठन के तीन उग्रवादी को एक मुठभेड़ में मार गिराया है। बताया जाता है कि ये तीनों उग्रवादी म्यांमार से भारतीय क्षेत्र में दाखिल हुए थे।
सूत्रों ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर छह असम राइफल्स के जवानों ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। बल के जवानों ने इन उग्रवादियों को रोका तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। उग्रवादी लोंगडिंग जिले के लहू गांव के दो लोगों को अगवा कर के म्यांमार ले जा रहे थे।
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में शनिवार की सुबह को दो प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों- पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट के घात लगाकर किए गए हमले में असम राइफल्स के कमांडिंग आफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी और अर्धसैनिक बल के चार अन्य जवान शहीद हो गए थे। हमले में विप्लव त्रिपाठी की पत्नी और उनके पुत्र भी मारे गए थे। चार जून, 2018 के बाद सुरक्षा बलों पर यह पहला बड़ा हमला था। तीन साल पहले चंदेल जिले में सैनिकों के काफिले पर हुए इसी तरह के हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे।
मणिपुर में हुए उग्रवादी हमले में शहीद अन्य जवानों में राइफलमैन सुमन स्वार्गियरी, खतनेई कोन्याक, आरपी मीणा और श्यामल दास शामिल थे। जिस समय उग्रवादियों ने यह हमला किया, उस समय कर्नल त्रिपाठी अपने परिवार और अन्य जवानों के साथ म्यांमार सीमा से लगते चुराचांदपुर जिले में एक नागरिक कार्यक्रम का निरीक्षण करने जा रहे थे। पूर्वोत्तर में पहली बार उग्रवादियों ने किसी सुरक्षा अधिकारी के परिवार को निशाना बनाया। हमलावरों को पकड़ने के लिए सेना, असम राइफल्स और पुलिस ने अभियान चलाया था।