‘हत्यारा’ हिडमा:एक KM के सुरक्षा घेरे में चलता है,कई हमलों में हाथ

छत्तीसगढ़ के बीजापुर-सुकमा बॉर्डर पर नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए. इस हमले में करीब 30 जवान घायल हो गए और कई लापता भी बताए जा रहे हैं. हमले के बाद रिपोर्ट्स में सामने आया है कि नक्सली कमांडर हिडमा को लेकर सुरक्षाबलों को इनपुट प्राप्त हुए थे, जिसके बाद ये ऑपरेशन शुरू किया गया. हिडमा को ही इस हमले का मास्टरमाइंड कहा जा रहा है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, नक्सली कमांडर हिडमा का पूरा नाम माडवी हिडमा है. ये सुकमा जिले के पुवर्ती गांव का रहने वाला है, जो 90 के दशक में नक्सलियों के साथ जुड़ गया था.

हिडमा की उम्र को लेकर कोई पुख्ता जानकारी नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि उसकी उम्र 40-45 के आस-पास है.

हिडमा पीपल्स लिब्रेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) बटालियन 1 का प्रमुख है. वो करीब 180 से 250 नक्सलियों का नेतृत्व करता है और ऐसे घातक हमलों के लिए कुख्यात है. हिडमा, माओवादी दंडेकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZ) का भी सदस्य है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिडमा ने दो शादियां की हैं और उसकी पत्नियां भी नक्सली गतिविधियों में शामिल हैं. उसे कंप्यूटर की भी जानकारी है.

कई हमलों के पीछे हिडमा का हाथ

छत्तीसगढ़ में हुए कई नक्सली हमलों के पीछे हिडमा का हाथ बताया जाता है. अप्रैल 2019 में बीजेपी विधायक भीमा माडवी के काफिले पर हमले के पीछे हिडमा का हाथ कहा जाता है. इस हमले में विधायक, उनके ड्राइवर और तीन सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी.

अप्रैल 2010 के चिंतलनार गांव में हुए नक्सली हमले के पीछे भी हिडमा ही बताया जाता है. इस हमले में CRPF के 76 जवान शहीद हो गए थे.

हिडमा पर पुलिस ने 25 लाख रुपये का इनाम रखा है.

सुरक्षाबलों को घेरकर हुआ हमला

बीजापुर-सुकमा बॉर्डर पर नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों को घेरकर उनपर हमला किया. दक्षिण बस्तर के घने जंगलों में शुक्रवार रात से शनिवार दोपहर तक सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन बिना रुकावट चलता रहा. इस दौरान सुरक्षाकर्मियों की टीमें क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाती रहीं.

शनिवार दोपहर को बीजापुर-सुकमा सीमा पर तार्रेम क्षेत्र में अचानक PLGA ने 400 सुरक्षाबलों की एक मजबूत टीम पर घेरकर हमला कर दिया. यह फायरिंग तीन घंटे तक चलती रही.

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