जनता के मुद्दो पर चर्चा के लिए विधानसभा 35 दिन चले : अखिलेश

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं विधान सभा में नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने मांग की कि बजट सत्र को कम से कम 35 दिन चलाया जाए। करीब सप्ताहभर बजट सत्र चलाया जाना जनता के हितों की अनदेखी है। इतने कम दिन में आम जनता के मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकेगी। बजट सत्र लंबा चलना चाहिए ताकि विस्तार से बजट पर चर्चा हो।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा राज में प्रदेश हर क्षेत्र में पिछड़ता चला गया है। भाजपा के सभी वादे झूठे निकले हैं। भाजपा सरकार ने विद्युत बिल आधा करने का वादा किया, जिसके सापेक्ष बिजली आपूर्ति ही आधी रह गई है। गरीबों के घरों को बुलडोजर से तोड़ा जा रहा है। निर्दोषों को झूठे केसों में फंसाया जा रहा है।  किसानों की फसल अन्ना पशु चर रहे हैं। किसानों से सम्मान राशि वापस ली जा रही है। गोशालाओं में लूट मची है। भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा गायों की मौत हुई है। मेडिकल कालेज बर्बाद हो गए है। यहां न डॉक्टर है न दवाएं हैं। करोड़ों की बेकार दवाएं कूडे़ के ढेर में पड़ी है। मरीज इलाज के लिए इधर.उधर भटकने को मजबूर है।

सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पीपीपी मॉडल पूरी तरह विफल साबित हुआ है। पांच वर्षों में भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा दिया है। भाजपा जनता से जुड़े मुद्दों का सामना नहीं करना चाहती है। उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र पर तानाशाही थोपने का काम हो रहा है। भाजपा ने नैतिकता को त्याग दिया है। जनता को भरमाने के लिए वाराणसी का मुद्दा उछाला जा रहा है। सद्भाव से जनता न रहे इसलिए आरएसएस.भाजपा सरकारें जनहित के कामों से परहेज करती है और नफरत को बढ़ावा देती है।

महंगाई व कानून व्यवस्था के मुद्दे को दमदारी से उठाएंगे सपा विधायक
सपा विधान मंडल दल की रविवार को पार्टी कार्यालय में हुई बैठक में विधान सभा बजट सत्र को लेकर रणनीति बनाई गई। सपा महंगाई, कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, किसानों की बदहाली आदि मुद्दे को दमदारी से उठाएगी। ऐसे में विधानसभा सत्र के हंगामेदार होने की उम्मीद है।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने विधायकों को सदन की कार्यवाही में तथ्य रखने के तरीके समझाया। निर्देश दिया कि कोई भी मुद्दा उठाने से पहले उसका होमवर्क जरूर करें।  नेता विरोधी दल ने कहा कि सदन में सत्ता पक्ष को अपनी ताकत का अहसास कराते रहने के लिए कागजी तैयारी और संख्याबल का विशेष ध्यान रखना होगा। इस दौरान यह भी आशंका जाहिर की गई कि सत्ता पक्ष की ओर से सवालों का जवाब देने में आनाकानी की जाएगी। ऐसे में सभी विधायक सदन में तथ्यों से जुड़े दस्तावेज साथ लेकर पहुंचे। यदि किसी मुद्दे पर सत्ता पक्ष के लोग झुठलाने का प्रयास करें तो तथ्यों को दमदारी से सामने रखा जाएगा। इसके लिए कागजी मजबूती जरूरी है।

इस दौरान  विधायकों को बजट सत्र के दौरान अधिक से अधिक संख्या में सदन में रहने का निर्देश दिया गया। कोई भी विधायक सदन से अनुपस्थित रहता है तो उसका वाजिब कारण होना चाहिए। मुद्दों की चर्चा के बाद तय किया गया कि प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था और लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर करने के षड़यंत्र का खुलासा किया जाएगा। गरीबों के उत्पीड़न, महिलाओं एवं बच्चियों के साथ दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं, फर्जी इंकाउंटर और हिरासत में मौतों का मुद्दा सिलसिलेवार तरीके से उठाया जाएगा।? महंगाई, राशन कार्डों, किसान सम्मान राशि की वसूली, बढ़ते विद्युत संकट, स्वास्थ्य शिक्षा क्षेत्र की बदहाली, गेहूं खरीद घोटाला, भर्ती में घोटाला एवं बेरोजगारी तथा राज्य में भय के वातावरण पर विशेष चर्चा करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान विभिन्न स्थानों पर बुल्डोजर चलाए जाने की घटनाओं और वास्तविक अतिक्रमण होने के बाद भी चेहेतों को बचाने से संबंधित आंकड़ें भी विधायकों को साथ लेकर आने के लिए कहा गया। जिन इलाकों में दो माह के अंदर अपराध से जुड़ी बढ़ी घटनाएं हुई हैं और वहां सपा प्रतिनधि मंडल गया है। उन घटनाओं में प्रतिनिधि मंडल की ओर से की र्गइ जांच रिपोर्ट भी सदन में रखी जाएगी।

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