भाजपा के विरोध के बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा ने सोमवार को मणिपुर में हिंसा की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने विधानसभा सत्र के दूसरे चरण में सदन में प्रस्ताव पढ़ा। प्रस्ताव पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंसाग्रस्त राज्य में स्थिति से निपटने में भाजपा और केंद्र सरकार की भूमिका की निंदा की।
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री को मणिपुर पर बयान देना चाहिए। यह शर्म की बात है कि प्रधानमंत्री विदेश यात्रा पर जा सकते हैं, लेकिन मणिपुर नहीं जा सकते।’ बनर्जी ने कहा, ‘अगर प्रधानमंत्री मणिपुर में शांति बहाल करने में असमर्थ हैं, तो हमें (इंडिया को) शांति बहाल करने की अनुमति दी जाए।’विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘चर्चा अवैध है क्योंकि मामला अदालत में विचाराधीन है।’ उन्होंने कहा, ‘हम मणिपुर पर चर्चा की अनुमति देने के इस अवैध फैसले के खिलाफ अदालत का रुख करेंगे। यह संघीय ढांचे के लोकाचार के खिलाफ है।’
चर्चा में भाग लेने वाली भाजपा ने मुख्यमंत्री के भाषण के बाद सदन से बॉयकॉट किया।सुवेंदु अधिकारी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, मैंने सदन के अंदर भी कड़ा विरोध किया और बाहर भी प्रदर्शन करूंगा। यह एक विचाराधीन मामला है और यह सुप्रीम कोर्ट में है। उन्होंने (टीएमसी) गैरकानूनी काम किया है। हमारा वोट देने का अधिकार छीन लिया गया है।