मंत्री अजय मिश्रा को ब्लैकमेल करने की कोशिश, 5 गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार दिन में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को ब्लैकमेल कर रहे थे। हालांकि यह ब्लैकमेलिंग किस बात को लेकर और कब से चल रही थी इस बात की जानकारी अभी पुलिस ने नहीं दी है। पुलिस आरोपियों को गिरफ्त में लेकर पूछताछ कर रही है। पुलिस ने बताया है कि पांच में से एक दिल्ली से चार आरोपी नोएडा से पकड़े गए हैं।

केंद्रीय मंत्री टेनी पर लखीमपुर हिंसा मामले में आरोपी उनके पुत्र अजय मिश्रा के चलते विपक्ष लंबे समय से इस्तीफा देने का दबाव बना रहा है। हाल ही में वह पत्रकारों के साथ अभद्र भाषा और व्यवहार का इस्तेमाल करने के लिए भी सुर्खियों में आए थे।

बीते दिनों एक जनहित याचिका में केंद्रीय मंत्री को भी लखीमपुर हिंसा मामले में आरोपी बनाने की अपील
पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने लखीमपुर हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ और उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की संलिप्तता की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी को केंद्रीय मंत्री मिश्रा और यूपी के उप मुख्यमंत्री मौर्य को आरोपी बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है।

याचिकाकर्ता ने मामले में गृह राज्य मंत्री को आरोपी बनाने की मांग करते हुए कहा है कि मंत्री ने पीड़ितों को घटना से कुछ दिन पहले धमकी दी थी। याचिका में दावा किया गया है कि मंत्री ने कहा था कि आप भी किसान हैं। यहां आंदोलन क्यों नहीं फैला? ये 10-15 लोग हैं। अगर मैं कार से नीचे उतर जाता तो उनके पास बचने का कोई रास्ता नहीं होता। 10-15 लोग पर्दे के पीछे से काम कर रहे हैं और शोर मचा रहे हैं। अगर कृषि कानून खराब थे तो आंदोलन पूरे देश में फैल जाना चाहिए था। यह क्यों नहीं फैला? मैं ऐसे लोगों को सुधरने के लिए कहता हूं। अन्यथा हम आपको सही करेंगे। केवल दो मिनट लगेंगे।

तीन अक्तूबर को क्या हुआ था
दरअसल, तीन अक्टूबर को कई किसान उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की लखीमपुर खीरी जिले की यात्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे तब चार किसान एक एसयूवी द्वारा कुचले जाने के बाद मारे गए थे। वह एसयूवी कथित तौर पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के काफिले का हिस्सा थी। हाल ही में लखीमपुर खीरी हिंसा की घटना की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने लखीमपुर की स्थानीय अदालत के समक्ष कहा था कि घटना के दौरान मौजूद लोगों को मारने की साजिश रची गई थी। 

इसके अलावा एसआईटी ने केंद्रीय राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोपों को संशोधित करने के लिए अदालत के समक्ष प्रार्थना की है। मालूम हो कि याचिकाकर्ता तेज बहादुर यादव ने इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर वर्ष 2019 में वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन को चुनौती दी थी, हालांकि कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी।

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