उत्तर प्रदेश के बागपत में रटौल थानाक्षेत्र में एक युवक की मौत होने के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए परिवार वालों को परेशनी का सामना करना पड़ा। गांव में शमशान घाट नही होने और मृतक भूमिहीन होने के कारण अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं मिली। जिससे क्षुब्ध ग्रामीणों ने ढिकौली-बंथला मार्ग पर शव रखकर जाम लगा दिया और फिर किनारे पर ही शव का अंतिम संस्कार किया।
भैड़ापुर गांव के रहने वाले टीटू (45) पुत्र नत्थे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहा थ, जिसकी बीमारी के कारण मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में शमशान घाट की भूमि पर विवाद होने के कारण ग्रामीण मौत होने पर अपने खेतों में शव का अंतिम संस्कार करते है।
उन्होंने बताया कि मृतक टीटू का परिवार भूमिहीन है। जिस कारण टीटू की मौत के बाद शव का अंतिम संस्कार करने के लिए परिवार वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिसके बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर घूम रहे ग्रामीणों ने विनयपुर गेट के पास ढिकौली-बंथला मार्ग पर शव रखकर जाम लगा दिया और एसडीएम को बुलाने की मांग पर अड़े रहे।
सूचना मिलने पर पहुंची चांदीनगर पुलिस ने किसी तरह समझाकर जाम खुलवाया। इसके बाद सड़क किनारे मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।
गांव में भटकते रहे, लेकिन नहीं मिली जगह
मृतक टीटू का अंतिम संस्कार करने के लिए परिवार वाले शवयात्रा लेकर तो चल दिए, लेकिन अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं मिली। काफी देर तक धूमने के बाद ग्रामीण विनयपुर गेट पर पहुंचे और शव रखकर जाम लगा दिया।
पहले भी हो चुका है यही हाल
ग्रामीण राजकुमार, रमेश ने बताया कि शमशान घाट नहीं होने के कारण भूमिहीन परिवारों को इधर उधर भटकना पड़ता है। उन्होंने बताया कि पहले भी एक भूमिहीन की मौत होने के बाद सड़क किनारे शव का अंतिम संस्कार करना पड़ा था। जिसकी शिकायत कई बार अधिकारियों से की गई, लेकिन समस्या का समाधान नहीं कराया गया। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल बना हुआ है।