हरियाणा के बहादुरगढ़ में तीन लोगों की कमरे में सोते वक्त दम घुटने से मौत हो गई। किराये के कमरे में अलाव जलाकर तीनों ने सोए थे। मामला शहर से सटे गांव कसार का है। दरअसल, कमरे में वेंटिलेशन की व्यवस्था भी नहीं थी। मौके पर मृतकों को उल्टियां भी हुई थीं। अनुमान लगाया जा रहा है तीनों की मौत दम घुटने से हुई। हालांकि मौत के असर कारणों की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही होगी। एक व्यक्ति उत्तराखंड के जिला हरिद्वार का और दूसरा पश्चिम बंगाल का रहने वाला था। तीसरे की पहचान नहीं हो सकी है।
तीनों यहां एक टायर निर्माता कंपनी में पावर हाउस के निर्माण कार्य में लगे थे। कमरे में मृत मिले दो लोगों की पहचान सैफिजुल मेहेना (41) और मुनेश कुमार (42) के रूप में हुई है। सैफिजुल पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले का रहने वाला था। जबकि मुनेश पुत्र ज्ञासन उत्तराखंड के जिला हरिद्वार के मुंडाखेड़ा कलां का निवासी था।
तीसरे शख्स की पहचान के पुख्ता प्रमाण तो नहीं मिले हैं लेकिन उसका नाम कल्लू बताया जा रहा है और मुनेश के ही गांव से था। तीनों पेशे से मजदूर थे। सैफिजुल गांव कसार में स्थित नवीन के मकान की दूसरी मंजिल पर सात-आठ महीने से रह रहा था। मुनेश और कल्लू भी फिलहाल इसी के पास रह रहे थे। इन दिनों एचएसआईआईडीसी में स्थित योकोहामा कंपनी में काम कर रहे थे।
मंगलवार की सुबह ये नहीं उठे। कंपनी में काम पर नहीं पहुंचे तो प्रोजेक्ट हेड विकास ने कई बार कॉल की लेकिन किसी ने नहीं उठाया फिर विकास उनके कमरे में पहुंचा। भीतर से दरवाजा बंद था। कई बार खटखटाने पर भी दरवाजा नहीं खुला तो जैसे-तैसे खिड़की की साइड से देखा। तीनों अंदर बेसुध पड़े थे। विकास ने 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। यहां से सूचना पाकर सेक्टर-6 थाना पुलिस मौके पर पहुंची। दरवाजे की कुंडी तोड़कर पुलिस कमरे में घुसी तो तीनों मजदूर मृत अवस्था में थे।
डीएसपी पवन कुमार, एसएचओ सुनील कुमार और एफएसएल टीम ने मौके का मुआयना कर साक्ष्य जुटाने का प्रयास किया। कमरे से अलाव की राख, जली हुई लकड़ियां बरामद हुई। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कमरा पूरी तरह से बंद था। तीनों मृतकों ने उल्टी भी की है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अलाव के कारण कमरे में गैस बन गई।
वेंटिलेशन न होने के कारण तीनों का दम घुट गया और जान चली गई। कमरे से दो मृतकों के आधार कार्ड मिले हैं। इनके आधार पर पुलिस ने परिजनों को सूचना दे दी है। पुलिस तीसरे शख्स कल्लू की पहचान और परिजनों के बारे में पता लगाने का प्रयास कर रही है। शवों को नागरिक अस्पताल में रखवा दिया गया है।
इंजीनियर विकास ने बताया कि उनकी कंपनी को योकोहामा में प्रोजेक्ट मिला है। इस प्रोजेक्ट में ये तीनों सात-आठ महीने से बतौर मजदूर काम कर रहे थे। सुबह काम पर नहीं आए तो वह उनके कमरे में पहुंचा लेकिन वह अंदर से बंद था। जब पुलिस ने कमरा खोला तो तीनों मृत अवस्था में मिले। वहीं, पड़ोसी किरायेदारों ने बताया कि सोमवार की रात को तीनों कमरे के बाहर ही थे। आसपास अन्य लोगों से ठीकठाक बातचीत कर रहे थे। इस घटना से आसपास रह रहे अन्य मजदूर भी हैरत में हैं। गांव कसार समेत बहादुरगढ़ इलाके में दिनभर इस घटना की चर्चा रही।
गांव कसार में स्थित एक बंद मकान के कमरे से तीन मजदूरों के शव बरामद हुए हैं। मृतक मजदूरों के परिजनों को सूचना दे दी गई है। प्रारंभिक जांच में दम घुटने के कारण मौत होने का मामला लगता है। फॉरेसिंक टीम भी जांच कर रही है। बाकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही असल कारणों का खुलासा हो सकेगा।