कांग्रेस के घोषणापत्र पर भड़का बजरंग दल, पार्टी मुख्यालय के पास किया विरोध प्रदर्शन

कांग्रेस पार्टी द्वारा बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के वादे ने कर्नाटक की राजनीति में हलचल मचा दी है। इसको लेकर भाजपा तो हमलावर है ही, अब इसका असर जमीन पर भी दिखने लगा है। कर्नाटक के चिकमंगलुरु जिले के कई घरों में पोस्टर देखे गए। पोस्टर के अलावा इन घरों पर बजरंग दल का झंडा भी है। पोस्टर में जरिए कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी गई है कि वे 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए वोट मांगने के लिए इन घरों में एंट्री न करें। पोस्टर में साफ तौर पर लिखा है कि यह बजरंग दल के कार्यकर्ता का घर है। 

इतना ही नहीं, इन घरों के पोस्टर पर यह भी लिखा है कि कोई भी कांग्रेसी वोट मांगने के लिए अंदर न आए। इसके बावजूद अगर आप घुसने की कोशिश करेंगे तो कुत्तों को बाहर निकाल दिया जाएगा। बजरंग दल ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस मुख्यालय के पास प्रदर्शन किया और मांग की कि पार्टी कर्नाटक में सत्ता में आने पर संगठन पर प्रतिबंध लगाने के अपने वादे को वापस ले। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन में कहा कि बजरंग दल “देश का गौरव” है और अगर कांग्रेस ने वादा वापस लेने के लिए अपने कर्नाटक चुनाव घोषणापत्र को नहीं बदला, तो बड़े पैमाने पर देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। 

कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को घोषणापत्र जारी किया, जिसमें उसने वादा किया है कि प्रदेश में जाति एवं धर्म के आधार पर ‘नफरत फैलाने’ के लिए बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाएगी। उसका कहना है कि ऐसे संगठनों को प्रतिबंधित करने की कार्रवाई भी हो सकती है। इसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कांग्रेस ने पहले भगवान राम को ताले में बंद कर किया और अब वह ‘जय बजरंग बली’ का नारा लगाने वालों को ताले में बंद करना चाहती है। उन्होंने कहा कि आज हनुमान जी की इस पवित्र भूमि को नमन करना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है और दुर्भाग्य देखिए, मैं आज जब यहां हनुमान जी को नमन करने आया हूं उसी समय कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में बजरंगबली को ताले में बंद करने का निर्णय लिया है।

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