भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच के दौरान सुरक्षा में बड़ी चूक, फ्री फलस्तीन टी-शर्ट पहन कोहली के पास पहुंचा शख्स

अहमदाबाद में हुए भारत-ऑस्ट्रेलिया के वर्ल्ड कप फाइनल से पहले माहौल खराब करने की लगातार धमकियां दी जा रही थी। इन धमकियों के बीच दावा यही किया जा रहा था कि गुजरात पुलिस ने पूरे चाक चौबंद बंदोबस्त कर लिए हैं। इन तमाम धमकियों के बाद अहमदाबाद पुलिस पर सवालिया निशान लगने तब खड़े हो गए, जब फलस्तीन की शर्ट पहने हुए एक युवक स्टेडियम में न सिर्फ प्रवेश कर गया, बल्कि खेल के दौरान पिच पर भी पहुंच गया। 

ऐसे में सवाल यही उठता है कि आखिर स्टेडियम में मौजूद 6000 पुलिसकर्मियों की आंखों में धूल झोंक कर फलस्तीन की शर्ट के साथ कोई व्यक्ति अंदर कैसे घुस गया। वह भी तब जब स्टेडियम के भीतर दिशा निर्देशों के मुताबिक कोई भी आपत्तिजनक और माहौल खराब करने वाले लिखे हुए स्लोगन को अंदर ले जाने की अनुमति बिल्कुल नहीं है। फिलहाल स्टेडियम में फिलिस्तीन की टीशर्ट पहनकर पहुंचे व्यक्ति को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी गई है।

वर्ल्ड कप के फाइनल में मिल रही धमकी के बाद जब फिलिस्तीन की टीशर्ट पहनकर एक युवक स्टेडियम में पहुंच गया तो अहमदाबाद पुलिस की तैयारियों की पोल खुल गई। जानकारी के मुताबिक अहमदाबाद पुलिस ने स्टेडियम के भीतर और बाहर 6000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की है। इसके अलावा स्टेडियम में प्रवेश करने के लिए चार चरणों के कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए। स्टेडियम में मुख्य द्वार से प्रवेश करने के लिए एक प्रमुख मेटल डिटेक्टर लगाया गया था। अलग-अलग प्रत्येक प्रवेश द्वार पर चार-चार मेटल डिटेक्टर लगाकर प्रत्येक मेटल डिटेक्टर पर बीस बीस से ज्यादा सुरक्षा कर्मियों की तैनात कर हर व्यक्ति को अंदर जाने दिया जा रहा था। जानकारी के मुताबिक इस दौरान पानी की बोतल से लेकर पेन तक को अंदर ले जाने की मनाही थी। इन सब के साथ-साथ सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण जांच यह की जा रही थी कि कोई भी व्यक्ति ऐसे स्लोगन लेकर तो नहीं जा रहा है जो सुरक्षा के मानकों में खरे नहीं उतर रहे हैं। 

फिलहाल अहमदाबाद पुलिस के मुताबिक स्टेडियम में फिलिस्तीन के लिखे हुए संदेशों वाली टीशर्ट पहने व्यक्ति को हिरासत में ले लिया गया है। सुरक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि यह मामला उतना सामान्य नहीं है जितना दिख रहा है। पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विक्रम सिंह कहते हैं कि जब लगातार इस तरीके की धमकियां दी जा रही हों तो जिम्मेदारियां न सिर्फ बढ़ जाती हैं, बल्कि बहुत पैनी और कई चरणों में सुरक्षा चक्र को मजबूत करने की हो जाती हैं। 

वह कहते हैं कि पहली और सबसे गंभीर चूक तो यही हुई कि आखिर स्टेडियम के भीतर कोई आपत्तिजनक स्लोगन वाली टी-शर्ट के साथ कैसे पहुंच गया। वह भी तब जब स्टेडियम में प्रवेश करने की व्यवस्था प्रत्येक गेट पर एक-एक व्यक्ति की ही होती है। ऐसे ऐसे में अगर देश और दुनिया के प्रमुख लोगों के सामने कोई व्यक्ति इस्राइल, हमास और फलस्तीन से संबंधित लिखे हुए स्लोगन के साथ पहुंचता है तो यह बड़ी और गंभीर चूक मानी जानी चाहिए। इससे पता चलता है कि स्टेडियम में प्रवेश करने वालों की या तो ड्रेस को विधिवत चेक नहीं किया गया या फिर संभव है कि जो व्यक्ति फिलिस्तीन के नारों के साथ शर्ट पहन के अंदर गया उसने उसके ऊपर कोई और ड्रेस अवश्य पहनी होगी। दूसरी और सबसे गंभीर चूक उसी व्यक्ति की खेल के दौरान पिच तक पहुंचने से हो गई।

क्रिकेट के विश्व कप फाइनल में जिस तरीके से सुरक्षा एजेंसियों को धमकियों के इनपुट मिल रहे थे उसके आधार पर गुजरात पुलिस ने कई चरणों में सुरक्षा व्यवस्थाएं चाक चौबंद की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि देश में हो रहे विश्व कप के सभी मैचों के दौरान संबंधित राज्यों को सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत करने के पहले से ही निर्देश दिए गए थे। कुछ मामलों में सोशल मीडिया पर आ रही आतंकी संगठनों की ओर से दी जाने वाली धमकियों के मद्देनजर विशेष एहतियात बरतने के कड़े निर्देश भी थे। क्योंकि देश में वर्ल्डकप शुरू होने से पहले ही दिल्ली से लेकर अहमदाबाद और धर्मशाला से लेकर देश के अन्य प्रमुख स्टेडियम में होने वाले मैचों को लेकर सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू की ओर से धमकियां दी जा रही थी। 

केंद्रीय खुफिया एजेसियों को मिली जानकारी के मुताबिक सिख फॉर जस्टिस ने क्रिकेट विश्वकप के दौरान साजिशों को अंजाम देने के लिए कई बैठकें कीं। बैठक में गुरपतवंत सिंह पन्नू समेत कई अन्य खालिस्तानी आतंकियों ने इसमें शिरकत की। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस दौरान सिख फॉर जस्टिस आतंकी समूह ने वर्ल्ड कप के दौरान सोशल मीडिया पर एक बड़े अभियान को चलाने की साजिश रची थी। इस साजिश के तहत सबसे पहले सात अक्तूबर को धर्मशाला में खेले जाने वाले अफगानिस्तान और बांग्लादेश के मैच में खालिस्तान जिंदाबाद स्लोगन के साथ माहौल को खराब करने की पूरी योजना बनाई। जबकि दिल्ली में भी मैच के दौरान शहर के कुछ हिस्सों में स्लोगन लिखवाकर माहौल खराब करवाने की कोशिश की। 

इसके अलावा खालिस्तानी आतंकियों ने अपने समर्थकों के बीच में क्रिकेट विश्व कप का नाम बदलकर भी उसको एक कोड वर्ड में बनाकर अलग-अलग तरह की साजिशों को आगे बढ़ाने की योजना बनाई। ताकि उनके द्वारा रची जाने वाली साजिशों की जानकारी भारतीय खुफिया एजेंसियों को किसी भी स्तर पर न पता चले। लेकिन केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने खालिस्तानी आतंकी पन्नू की ओर से क्रिकेट विश्व कप के लिए रची जाने वाली एक-एक साजिश का पहले से ही पता लगा लिया। इसी दौरान पता चला था कि खालिस्तानी आतंकी संगठनों ने यह योजना भी बनाई थी कि 19 नवंबर को विश्व कप के फाइनल मैच के दौरान अहमदाबाद में खालिस्तान के प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाएं। इस दौरान आतंकियों ने खालिस्तानी झंडों के साथ विश्वकप क्रिकेट के फाइनल में आतंकी निज्जर का मामला भी सोशल मीडिया से लेकर चोरी छिपे स्टेडियम तक पहुंचाने का प्लान किया था। इसी के मद्देनजर स्टेडियम के भीतर पहन कर जाने वाले कपड़ों और साथ में ले जाए जाने वाली चीजों की सघन जांच भी की जा रही थी। लेकिन अहमदाबाद में हो रहे भारत और ऑस्ट्रेलिया के फाइनल मैच के दौरान कपड़ों की जांच में एक बड़ी चूक हो गई।

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