बिहार के मंत्री और भाजपा नेता जीवेश मिश्र ने राज्य में पीएफआई को प्रतिबंधित करने की मांग की है। उन्होंने बिहार में आतंकी गतिविधियों के बढ़ते मामले और संदिग्ध आतंकी मरगूब उर्फ ताहिर की गिरफ्तारी को देखते हुए यह बात कही।
उधर, ताहिर से पाकिस्तान और बांग्लादेश समेत दूसरे देशों में रहने वाले आतंकवादियों से संपर्क के बारे में लगातार पूछताछ जारी है। उससे पटना पुलिस के अलावा बिहार एटीएस, एनआईए, आईबी और रॉ के अधिकारियों ने घंटों पूछताछ की। पूछताछ के दौरान ताहिर ने कई अहम खुलासे किए हैं।
राष्ट्र विरोधी संगठनों पर पाबंदी लगाएं
जीवेश मिश्र ने कहा कि जो भी संगठन राष्ट्र विरोधी गतिविधि करे उस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। कोई आतंकी गतिविधि करेगा तो इसका भरपूर जवाब दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि मामले की जांच एनआईएए, एटीएस और पटना पुलिस कर रही है। जांच के बाद पूरी करवाई होगी। षड्यंत्र का पर्दाफाश करने के लिए हमारी एजेंसियां भी तैयार हैं।
अरमान मलिक व अतहर परवेज के भी संगठन से रिश्ते
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ताहिर अपने साथियों के साथ भारत में विध्वंस फैलाने की कोशिश में था। उधर, फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार अरमान मलिक और अतहर परवेज का पीएफआई और एसडीपीआई से संबंध उजागर होने के बाद से ही कई तरह के सवाल उठे हैं। दरभंगा से पीएफआई के सनाउल्लाह और मोतिहारी से एक मौलाना के पीएफआई से कनेक्शन सामने आने और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की बात सामने आने के बाद पीफआई पर बिहार में पाबंदी लगाने की मांग जोर पकड़ रही है।
2017 में तेजस्वी खुद भाजपा में आना चाह रहे थे : मिश्रा
मंत्री मिश्र ने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री नित्यानन्द राय के राजद में शामिल होने की मंशा जताने के कथित बयान पर कहा कि जब 2017 में सरकार टूट रही थी तो खुद तेजस्वी हमारे पास आना चाहते थे। दरअल, नित्यानन्द राय के बढ़ते कद से तेजस्वी परेशान हैं, इसलिए इस तरह से बयान दे रहे हैं। 2018 में नित्यानंद राय ने यदि राजद में जाने की मंशा जताई थी तो तेजस्वी को उसी समय बोलना चाहिए था। तब मुंह में दही जमा था क्या?