बिहार: कार्तिकेय सिंह की जमानत याचिका खारिज की गई

बिहार के पूर्व मंत्री कार्तिक कुमार उर्फ कार्तिकेय कुमार सिंह के खिलाफ दर्ज अपहरण मामले में पटना के दानापुर कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया है। एडीजे अदालत ने हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कार्तिक कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी। अब उनपर गिरफ्तारी का खतरा मंडरा गया है। बता दें कि इस केस में विवादों के चलते कार्तिकेय कुमार ने नीतीश कैबिनेट से बुधवार को इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे से पहले सीएम नीतीश कुमार ने उनका विभाग भी बदला था। उन्हें कानून मंत्री से हटाकर गन्ना उद्योग मंत्री बनाया गया था।

एडीजे 3 सत्यनारायण शिवहरे की अदालत में कार्तिक कुमार उर्फ कार्तिकेय सिंह मामले की गुरुवार को सुनवाई हुई। सिविल कोर्ट से आए कार्तिक कुमार के वकील जनार्दन राय ने दलील दी कि वे अपहरण के वक्त घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे। उनके मोबाइल टॉवर की लोकेशन भी घटनास्थल से दूर थी। ऐसे में उन्हें जमानत दी जाए।

वहीं पूर्व मंत्री कार्तिक कुमार ने गुरुवार सुबह अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि अपहरण केस में जांच अधिकारी ने उन्हें निर्दोष साबित कर दिया था। कोरोना काल में इस मामले पर संज्ञान लिया तो फिर से उनका नाम भी आ गया। उन्हें अदालत पर पूरा भरोसा है।

पटना जिले के बिहटा इलाके में 2014 में राजू सिंह उर्फ राजू बिल्डर का अपहरण हुआ था। इसमें कार्तिक कुमार उर्फ कार्तिकेय सिंह को आरोपी बनाया गया था। उनके खिलाफ बिहटा थाने में केस दर्ज हुआ, जिसमें पूर्व विधायक बाहुबली नेता अनंत सिंह भी सह आरोपी हैं। बीते दिनों कार्तिक सिंह पर आरोप लगे कि उन्हें इस केस में कोर्ट में सरेंडर करना था, लेकिन उसी दिन वे राजभवन जाकर मंत्री पद की शपथ ले रहे थे। इसके बाद वे सुर्खियों में आ गए और बीजेपी ने उन पर जमकर हमला बोला।

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