बीजेपी ने कानपुर हिंसा पर अपने प्रवक्ताओं को बयान देने पर लगाई रोक

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने नूपुर शर्मा के बयान के बाद बढे विवाद से सीख लेते हुए यूपी में अपने प्रवक्ताओं पर लगाम लगाई है। यूपी बीजेपी ने अपने प्रवक्ताओं से कानपुर हिंसा और नूपुर शर्मा मामले पर बयान न देने को कहा है। बीजेपी ने अपने प्रवक्ताओं से कहा है कि वे संवेदनशील मुद्दों पर बोलते समय ध्यान रखें। ये ध्यान रहे कि उनके बयानों से किसी भी धर्म का अपमान न हो। इसके अलावा, अब पार्टी ही किसी मुद्दे पर डिबेट या मीडिया में बयान देने के लिए लाइन तय करेगी।

बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर दिए बयान के बाद शुरू हुए विवाद के पार्टी अब एक्शन में है। बीजेपी नेताओं के विवादित बोल की वजह से पार्टी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी हुई है। इसी के तहत आज मंगलवार को बीजेपी ने यूपी में अपने प्रवक्ताओं पर लगाम लगाई है। पार्टी ने अपने प्रवक्ताओं से कानपुर हिंसा और नूपुर शर्मा मामले पर कोई भी बयान न देने के निर्देश दिए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रवक्ताओं से ये भी कहा है, कि वे संवेदनशील मामलों पर बोलते समय ध्यान रखें कि उससे किसी धर्म का अपमान न हो और न ही कोई आहत हो।  

चौतरफा किरकिरी के बाद कसी लगाम 

भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान पर घिरने के बाद चौतरफा घिर चुकी है। अब यह मामला सिर्फ देश तक सीमित नहीं है। पैगम्बर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा के बयान से कई इस्लामिक देश खासे नाराज हैं। कई देशों ने तो भारतीय राजदूतों को बुलाकर अपना विरोध जताया। इसके बाद अब बीजेपी ने अपने प्रवक्ताओं पर लगाम कसने की तैयारी कर ली है। बीजेपी ने आंतरिक निर्देश जारी कर अपने प्रवक्ताओं को नूपुर शर्मा, नवीन जिंदल और कानपुर हिंसा मामले पर बोलने से रोक लगा दी है।

धार्मिक मुद्दों पर बात रखने से पहले लें अनुमति

इतना ही नहीं, बीजेपी के अपने प्रवक्ताओं से कहा है कि वे संवेदनशील और धार्मिक मुद्दों पर बोलते समय विशेष ध्यान रखें। ये भी ध्यान रहे कि उनके बयानों से किसी धर्म का अपमान न हो। बीजेपी ने अपने नेताओं से किसी भी धार्मिक मुद्दे पर बात रखने से पहले अनुमति लेने को कहा है।

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