भाजपा का दावा- बंगाल सरकार ने मुआवजे में पीड़ितों को बांटे 2000 के नोट

ओडिशा के बालासोर जिले में 2 जून यानी शुक्रवार को एक भीषण ट्रेन हादसा हुआ था। यहां, बहनागा रेलवे स्टेशन के पास तीन ट्रेनों की आपस में टक्कर हो गई थी। इस हादसे में 288 लोगों की मौत, जबकि करीब 1000 यात्री घायल हुए। इन पीड़ित परिवारों की मदद का केंद्र और राज्यों की सरकार ने एलान किया है। ऐसे में, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने भी बंगाल से ताल्लुक रखने वाले मृतकों के परिजनों की मदद की घोषणा की थी। इस बीच भाजपा ने टीएमसी की सराहना करने के साथ ही आड़े हाथों ले लिया है।

मजूमदार का निशाना
दरअसल, पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें पीड़ितों के हाथों में दो हजार रुपये के बंडल हैं। मजूमदार ने पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद देने की तृणमूल कांग्रेस की पहल की सराहना की। हालांकि, बाद में सवाल उठा दिया कि क्या इसके माध्यम से टीएमसी अपने काले धन को सफेद कर रही है?

मजूमदार ने लिखा कि ममता बनर्जी के निर्देश पर राज्य के एक मंत्री तृणमूल पार्टी की ओर से पीड़ित परिवारों को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दे रहे हैं। मैं इसकी सराहना करता हूं, लेकिन इस संदर्भ में मैं यह सवाल भी रख रहा हूं कि इस 2000 रुपये के नोटों के बंडल का स्रोत क्या है?


पीड़ित परिवारों की बढ़ रही परेशानियां
उन्होंने लिखा कि वर्तमान में बाजार में 2000 रुपये के नोटों की आपूर्ति कम है और बैंकों के जरिए इन्हें बदलने की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में पीड़ित परिवारों को 2000 रुपये के नोट देकर उनकी समस्याएं बढ़ा दी गई हैं। दूसरा सवाल यह कि क्या यह काले धन को सफेद करने का टीएमसी का तरीका नहीं है?

बंसती इलाके की घटना
2000 रुपये के नोट बांटने की यह घटना पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के बसंती में हुई थी। दरअसल, टीएमसी नेता ने बालासोर ट्रेन दुर्घटना में अपने परिवार के एक सदस्य को खोने के बाद इस परिवार को मुआवजा दिया गया था।

मजूमदार पर पलटवार
सुकांत मजूमदार के ट्वीट पर राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने पलटवार किया है। टीएमसी के मुख्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने सुकांत मजुमदार के ट्वीट को निराधार बताया। साथ ही कहा कि क्या 2000 का नोट अमान्य है? यह वही भाजपा सरकार है, जिसने इस नोट को पेश किया था। यह निराधार ट्वीट है। यह कोई गलत बात नहीं है, आज यदि कोई किसी को 2000 का नोट देता है, तो यह अवैध या काला धन नहीं है।

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