कर्नाटक में भ्रष्टाचार के आरोपी भाजपा विधायक ने कहा: 8.23 करोड़ रुपये सुपारी की बिक्री से मिले थे

भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक मदल विरुपक्षप्पा ने सफाई दी है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि उनके मकान और कार्यालय से मिले पैसे सुपारी की बिक्री के जरिए आए थे। दरअसल, उनके घर और कार्यालय से 8.23 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे।

चन्नागिरि से विधायक और कर्नाटक सोप्स एंड डिटर्जेंट लिमिटेड के अध्यक्ष वीरुपक्षप्पा ने हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद चन्नेशपुर में कहा कि यह भारत के इतिहास में पहली बार है कि सत्तारूढ़ दल के विधायक के खिलाफ छापा मारा गया।

इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को रिश्वत मामले में चन्नागिरी के भाजपा विधायक के मदल विरुपक्षप्पा को पांच लाख रुपये के बॉन्ड और मुचलके पर अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी थी। जमानत के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरुपक्षप्पा का जोरदार स्वागत किया। उन्हें 48 घंटे के अंदर लोकायुक्त के सामने पेश होने का आदेश भी दिया गया है। 

लोकायुक्त को उचित दस्तावेज दूंगा: भाजपा विधायक
उन्होंने यह स्वीकार किया कि उनके घर में मिला धन उनके परिवार का ही है। भाजपा विधायक ने कहा कि हमारे तालुक को सुपारी की भूमि के रूप में जाना जाता है। हमारी सुपारी भूमि में एक साधारण किसान के घर में पांच से छह करोड़ रुपये होते हैं। मेरे पास 125 एकड़ सुपारी का खेत, सुपारी का बाजार है और मेरे कई अन्य व्यवसाय भी हैं। मैं लोकायुक्त को उचित दस्तावेज दूंगा और अपना पैसा वापस लूंगा।

मेरा बेटा निर्दोष है: विरुपक्षप्पा
इससे पहले विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत कुमार एमवी को लोकायुक्त अधिकारियों ने कथित तौर पर केएसडीएल कार्यालय में एक ठेकेदार से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। इसके बाद हुई छापेमारी में मदल परिवार के घर से 8.23 करोड़ रुपये नकद, भारी मात्रा में सोने और चांदी के गहने और जमीन में बड़े निवेश का पता चला था। प्रशांत कर्नाटक प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं। वे बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड के मुख्य लेखा अधिकारी भी हैं। विरुपक्षप्पा ने यह भी दावा किया कि उनका बेटा निर्दोष है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसी ने उसे फंसाने के लिए उसके चैंबर में 40 लाख रुपये रख दिए।

लगातार दो बार विधायक चुने जा चुके हैं मदल 
मदल विरुपक्षप्पा लगातार दो बार दावणगेरे जिले के चन्नागिरी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में अपने हलफनामे में 5.73 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा किया था। 2013 के चुनावों में, उन्होंने 1.79 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी। 

इसी साल होना है विधानसभा चुनाव
कर्नाटक में इसी साल विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में लोकायुक्त की ये कार्रवाई चर्चा विषय बना हुआ है। बताया जाता है कि भाजपा विधायक के बेटे के खिलाफ हुई ये कार्रवाई चुनावी मुद्दा भी बन सकती है। 

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