बाढ़ से बेखबर भाजपा सरकारी उत्सवों में मशगूल: अखिलेश

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बाढ़ की विभीषिका से बेखबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकारी उत्सवों में व्यस्त है।

यादव ने सोमवार को कहा कि प्रदेश में कई नदियों के उफान पर होने से सैकड़ों गांव बाढ़ में डूबे हुए हैं। लोग घरों में फंसे हैं। मवेशी चारे के अभाव में अधमरे हो रहे हैं। फसल चौपट हुई है। प्रमुख मार्गों पर आवागमन बाधित है। राहत कार्य शुरू न होने से हर तरफ तबाही मची हुई है। जनता त्राहि-त्राहि कर रही है।

उन्होंने कहा कि बलरामपुर, महाराजगंज, बाराबंकी, सिद्धार्थनगर, गोण्डा, आदि दर्जनों जिलों में बाढ़ में फंसे लोग जान बचाने के लिए पलायन कर रहे हैं। प्रतिवर्ष आने वाली बाढ़ के खतरे से निदान की जगह भाजपा सरकार लापरवाही बरत रही है। दैवीय आपदा के नाम पर तटबंधों के रख रखाव पर काफी धनराशि खर्च की जाती है लेकिन यह रकम कहां बह जाती है। भाजपा को वास्तव में न तो प्रदेश के विकास की चिंता है और नहीं जनता की तकलीफों से उसका कोई वास्ता है। लोग बाढ़ में फंसे हैं, उनको राहत पहुंचाने की फिक्र नहीं है। ऐसी संवेदनशून्य सरकार प्रदेश के लोगों ने कभी नहीं देखी है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बलरामपुर में तराई क्षेत्र के पहाड़ी नालों में आई बाढ़ से भारी तबाही मची है। दर्जनों गांवों में लोगों के घरों में पानी घुस गया है। प्रमुख मार्गों पर आवागमन बाधित है। धान फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। बलरामपुर के 150 गांव राप्ती नदी के पानी से घिरे हैं। कई गांवों में कटान जारी है। सैकड़ों हेक्टेयर फसल नदी में समा चुकी है, अधिकतर गांवों में कोई राहत सामग्री नहीं पहुंची है। लोग बाढ़ के पानी के तेज बहाव को देखते हुए सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं।

उन्होंने कहा कि महाराजगंज तराई ललिया मार्ग स्थित खरझार नाला में उफान से कई गांवों में पानी घुसने से लोगों ने छतों पर भागकर शरण ली। घरों में रखा अनाज पानी में तैर रहा है। नारायणी नदी के बढ़े जलस्तर से महाराजगंज के टापू कहे जाने वाले सोहगीबरवा भी पानी में घिर गया है। मुंजा टोला को अन्य गांवों से जोड़ने वाली पुलिस तेज धारा में टूटकर बह गई। नारायणी, चंदन, रोहिन और व्यास नदियों में पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। रोहणी नदी भी ऊफान पर है। कई गांवों में पानी 10 फिट तक भर गया है।

सरयू नदी की बाढ़ बाराबंकी जिले की रामनगर, सिरौली गौसपुर रामसनेही घाट तहसीलों के गांवों में फिर कहर बरपाने लगी है। दर्जनों गांवों का सम्पर्क रास्ते कटने से टूट गया है। अब नाव से ही लोग नदी के आर पार आते-जाते हैं। बाढ़ के साथ बारिश ने लोगों की तकलीफें और बढ़ा दी है। जिले में सरयू नदी के साथ कुआनों, मनवर, मनोरमा और कठिनइया नदियां भी उफान पर हैं मवेशियों को चारा नहीं मिल रहा है।

यादव ने कहा कि बाढ़ के संकट में फंसे ग्रामीणों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। जिलों में अधिकारी अभी भी सोए हुए हैं। लोग अपनी सुरक्षा और खान-पान के लिए अपने साधनों पर ही निर्भर हैं। भाजपा सरकार को बाढ़ संकट के बजाय अपनी झूठी उपलब्धियां गिनाने के लिए विज्ञापन छपाने से ही फुर्सत नहीं मिल रही है। जनता इन्हीं वजहों से अब भाजपा को दुबारा सत्ता में नहीं आने देना चाहती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here