अटकलों पर लगा विराम, योगी के नेतृत्व में ही विधानसभा 2022 का चुनाव लड़ेगी BJP: सूत्र

भारतीय जनता पार्टी के संगठन मंत्री बीएल संतोष की पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात ने उन तमाम अटकलों को खारिज कर दिया, जो उत्तर प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन और किसी अन्य के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़े जाने की चर्चाओं को जन्म दे रहे थे. सूत्रों का कहना है कि भाजपा नेतृत्व ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भरोसा जताते हुए उन्हीं के नेतृत्व में अगले साल चुनावी वैतरणी पार करने को हरी झंडी दे दी है. गौरतलब है कि संगठन मंत्री ने अपने कई दिनों के प्रवास के दौरान यूपी में बीजेपी नेताओं समेत संगठन के तमाम उच्चाधिकारियों से मुलाकात कर तगड़ा फीडबैक लिया था.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में तीन दिवसीय महामंथन के बाद बीएल संतोष दिल्ली लौट गए थे. उनके जाने के बाद सियासी गलियारों में चर्चा तेज थी कि थोड़ा बहुत ही सही विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी नेतृत्व यूपी की सर्जरी कर सकता है. दरअसल यूपी बीजेपी संगठन की बैठक में अगले साले होने वाले चुनाव में सत्ता वापसी के तैयारियों में जुटने का संकेत दिया गया है. इसके साथ ही विपक्ष के दुष्प्रचार की काट खोजकर उन्हें हर प्रकार से जवाब भी देने की ताकीद की गई है. राजनीतिक जानकारों की माने तो सरकार और संगठन के कामकाज का जो फीडबैक बीएल संतोष को मिला है, उसके आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करके वो दिल्ली ले गए हैं. 

राज्य में अगले साल यानी 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. पार्टी को लग रहा है कि उत्तर प्रदेश की सत्ता में उसकी दोबारा वापसी करना उसके लिए बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकता है. इसी के चलते भाजपा ने योगी सरकार को पूरी मजबूती से समर्थन देने का कदम उठाया है. इसके पहले बीएल संतोष ने पार्टी और मंत्रिमंडल के सदस्यों से बातचीत कर उन्हें योगी सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर करने का मंच भी उपलब्ध कराया था. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी नेताओं को यह संदेश भी भेजा कि अभी उनका फोकस योगी सरकार की उपलब्धियों पर होना चाहिए. भाजपा की नजर 2022 के चुनाव में प्रदेश में सत्ता वापसी पर है.

हालांकि बीएल संतोष ने कोरोना से निपटने को लेकर मुख्यमंत्री की पीठ थपथपा कर बदलाव की अटकलों पर बीजेपी आलाकमान की मंशा का संकेत दे दिया था. इसके साथ ही उन्होंने योगी के पक्ष में ट्वीट कर के साफ संकेत दिया है कि अभी शीर्ष नेतृत्व पर फेरबदल की कोई गुंजाइश नहीं है. तमाम राजनीतिक पंडित भी मान कर चल रहे थे कि बीजेपी में अभी परिवर्तन जैसी कोई चीज होनी नहीं है. 6 माह चुनाव के बचे हैं. ऐसे में अभी बदलाव के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं. संगठन और सरकार आपसी तालमेल से सत्ता तक पहुंचने के सारे प्रयास करेंगे. वर्तमान में कोई नया जोखिम बीजेपी नहीं लेने वाली है.

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