‘भाजपा कार्यकताओं का थाने में आना मना है’, मेरठ में लगा पोस्‍टर, अखिलेश ने कसा तंज

उत्तर प्रदेश के मेरठ के मेडिकल थाने में आज जमकर हंगामा हुआ. भीड़ धरने पर बैठ गई. हंगामा करने वाले खुद को बीजेपी कार्यकर्ता बता रहे थे. उनका कहना था कि एक महिला के पति का देहांत हो चुका है. उसकी दुकान पर उसके देवर ने कब्जा कर लिया था. उसकी शिकायत पर थाने में सुनवाई नहीं की गई. इसी को लेकर थाने में भीड़ जमा हो गई. थाने में जमा लोगों का आरोप था कि थानेदार और थाने के सिपाहियों ने महिला और उनके साथ अभद्रता की है.

इस मामले के बाद मेडिकल थाने के गेट पर एक पोस्टर लगा दिया गया. जिस पर लिखा था- ‘भाजपा कार्यकर्ताओं का थाने में आना मना है.’ इसके नीचे थानेदार का नाम भी छपा है. ये पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है, जिसने पोस्टर लगाया है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बैनर लगाने वालों को पुलिस वीडियो फुटेज के आधार पर चिह्नित कर रही है.

दरअसल, यह मामला पूजा नाम की महिला से जुड़ा है. महिला का आरोप है कि सात महीने पहले उसके पति की मौत हो गई थी. उसके दो बच्चे हैं. उसके पति की एक दुकान थी, जिस पर उसके देवर ने कब्जा कर लिया. दुकान को खाली करने के लिए पुलिस के पास आई थी, लेकिन पुलिस ने उसके साथ अभद्रता कर दी. इसके बाद महिला के समर्थन में थाने में भीड़ जमा हो गई. बीजेपी के युवा मोर्चा के पूर्व जिला मंत्री कुलदीप ने कहा कि महिला के पति के देहांत के बाद उसकी दुकान महिला के नाम आ गई थी. उस पर कब्जा हो गया है. उसकी दुकान दिलाने के लिए थाने पर पहुंचे थे, लेकिन थाने में अभद्रता की गई. सिविल ड्रेस में सिपाहियों ने धक्का-मुक्की की.

मेरठ के SP सिटी विनीत भटनागर ने कहा कि थाना मेडिकल में कुछ व्यक्ति प्रॉपर्टी खाली कराने का अनुचित दबाव बना रहे थे. मानवता के नाते दोनों पक्षों की वार्ता भी कराई गई. पुलिस के द्वारा किसी का कब्जा नहीं हटाया जा सकता. दबाव बनाने के लिए भीड़ जमा की गई. धरना प्रदर्शन भी किया. उन्होंने कहा कि यह भी जानकारी में आया है कि यही व्यक्ति पोस्टर लेकर आए, जिसमें एक खास राजनीतिक दल का नाम लिखते हुए थाने में लगा दिया.

SP ने कहा कि वीडियो से प्रमाणित हो रहा है कि पुलिस की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से यह लोग स्वयं पोस्टर थाने लेकर आए थे. जिन्होंने भी ऐसा काम किया है, इस पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है. पोस्टर कहां छापे गए, कैसे यहां आए, यहां किसने लगाया, सभी बातों का खुलासा किया जाएगा. नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. बताया जा रहा है कि इसमें शामिल कुछ व्यक्तियों पर केस भी दर्ज हैं. अगर यह सिद्ध होता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी.

अखिलेश ने कसा तंज
मेरठ में हुए इस ड्रामे पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तीखा तंज कसा. अखिलेश ने फेसबुक पर लिखा- ऐसा पहली बार हुआ है इन पांच-छह सालों में, सत्तापक्ष के लोगों का आना मना हुआ थानों में. ये है उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार का बुलंद इकबाल!

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