बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को चिकित्सकीय आधार पर दो महीने की अंतरिम जमानत दे दी है। गोयल को प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था। जस्टिस एनजे जामदार की पीठ ने दो महीने की अंतरिम जमानत की याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि गोयल को जमानत के तौर पर एक लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा। इसके साथ ही मुंबई से बाहर जाने के लिए उन्हें ट्रायल कोर्ट की अनुमति लेनी होगी।
हाईकोर्ट ने गोयल को अपना पासपोर्ट भी सरेंडर करने को कहा है।
75 वर्षीय गोयल ने मेडिकल और मानवता के आधार पर अंतरिम जमानत की मांग की थी। उन्होंने अदालत को बताया था कि वे और उनकी पत्नी अनिता गोयल दोनों ही कैंसर से जूझ रहे हैं। इससे पहले फरवरी में एक विशेष अदालत ने गोयल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हालांकि अदालत ने उन्हें अपनी पसंद के एक निजी अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दे दी थी।
उसके बाद गोयल ने हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी दी थी। उन्होंने अदालत से चिकित्सकीय आधार पर रिहा करने की मांग की थी। उनके वकील हरीश साल्वे ने अदालत में अपील की थी कि गोयल को उनके स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए अंतरिम जमानत दिया जाना चाहिए। हालांकि ईडी की ओर से अदालत में पेश हुए हितेन वेनगांवकर ने गोयल की अपील का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि गोयल को जमानत ना देकर उनके अस्पताल की अवधि को बढ़ाया जा सकता है। विज्ञापन
इस पर साल्वे की ओर से तर्क दिया गया था कि जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल शारीरिक ही नहीं मानसिक तौर पर भी बीमार हैं। गोयल को जांच एजेंसी ईडी ने सितंबर 2023 में गिरफ्तार किया था। उनपर केनरा बैंक से मिले 538.62 करोड़ रुपये के लोन की राशि में हेरफेर करने का आरोप है। उनकी पत्नी को भी नवंबर 2023 में इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने के दौरान गिरफ्तार किया गया था।