कर्नाटक विधानसभा ने सोमवार को शिवाजी महाराज व सांगोली रायन्ना की प्रतिमा के साथ तोड़-फोड़ और कन्नड़ ध्वज को जलाए जाने की घटना की निंदा करते हुए एकमत से एक प्रस्ताव पारित किया। सभी सदस्यों ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को देशद्रोह का कार्य माना जाएगा और इनमें संलिप्त लोगों के खिलाफ ‘गुंडा एक्ट’ के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस प्रस्ताव को पेश करते हुए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने साफ किया कि कर्नाटक की सीमा का एक इंच भी जाने देने का कोई सवाल ही नहीं है। मुख्यमंत्री बोम्मई ने आगे कहा कि अगर महाराष्ट्र के हिस्सों में रहने वाले कन्नड़ लोग राज्य में शामिल होना चाहते हैं और इस संबंध में प्रस्ताव पारित करते हैं तो हमारी सरकार इसके लिए पूरी तरह से तैयार है।
बोम्मई ने कहा, यह सरकार का स्पष्ट रुख है कि सीमा मामले पर महाजन रिपोर्ट अंतिम है। फिर भी कुछ लोग और संगठन बार-बार शांति में व्यवधान उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं और यह निंदनीय है। यह सदन एक मत से इस तरह के हर कृत्य की निंदा करता है और ऐसी घटनाओं में संलिप्त रहने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला करता है।
विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के जवाब में प्रस्ताव को पढ़ते हुए उन्होंने कहा कि सदन हाल की उन घटनाओं की निंदा करता है जिनमें संगोली रायन्ना और शिवाजी महाराज की प्रतिमाओं से तोड़-फोड़ की गई, कन्नड़ ध्वज को जलाया गया, जगज्योति बश्वेश्वर का अपमान किया गया। ऐसे सभी कृत्यों को देशद्रोह माना जाएगा और इनमें शामिल लोगों को दंडित किया जाएगा।
उन्होंने एलान किया कि स्वतंत्रता सेनानी कित्तूर चेनम्मा और संगोली रायन्ना की प्रतिमाएं सुवर्ण विधान सौंध में स्थापित की जाएंगी। इसके साथ ही बोम्मई ने कहा कि बेलगावी एक महत्वपूण सीमा क्षेत्र है, निवेश के लिए यहां जरूरी संसाधन मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र रणनीतिक रूप से बहुत अहम है। हिंसा के जरिए यहां अस्थायित्व लाने की हर कोशिश निंदनीय है।