उत्तर प्रदेश के कासगंज में सोमवार की दोपहर एक बैलगाड़ी गंगा के तेज बहाव में पलट गई। उसमें सवार पांच लोग गंगा में डूबने लगे। इससे मौके पर चीख पुकार मच गई। शोर सुनकर पहुंचे आसपास मौजूद ग्रामीणों ने महिला सहित चार को बचा लिया। जबकि, एक किशोरी की मौत हो गई। घटना से घर में रोना पिटना मचा हुआ है।
घटना पटियाली थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर वैश्य गांव के पास की है। यहां मुंता नगला गांव निवासी नवाब अली अपनी बैलगाड़ी पर पशुओं के लिए घास लेने निकला था। उसकी भतीजी माजिदा (14) आई और बोली हम लोग भी घास लेने चलेंगे। वह अपनी सहेलियों के साथ आकर गाड़ी में बैठ गई। इसमें सानिया (14) भूरी (13), सहरीन (14) शामिल थीं। खेत की तरफ गाड़ी जाती देखकर गांव निवासी हारुन की पत्नी निजासन (38) भी उसमें बैठ गई।
रास्ते में नाथ कुटी पुरानी गंगा के सोते के पास गंगा के तेज बहाव में गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया। वह धारा में पलट गई। इससे गाड़ी में सवार सभी लोग धारा में बहने लगे। वह बचाने के लिए चीखे। आवाज सुनकर ग्रामीण भागकर मौके पर पहुंचे। तैराकी जानने वाले ग्रामीणों ने तत्काल धारा में छलांग लगा दी। उन्होंने कड़ी मेहनत करके सभी को बाहर निकाला। कुछ ही देर में माजिदा ने दम तोड़ दिया।
ग्रामीणों ने अन्य सभी को बेहोशी की हालत में बदायूं में एक निजी चिकित्सक के यहां इलाज के लिए ले गए। उधर, माजिदा की मौत की सूचना पर परिवार में चीख पुकार मच गई। ग्रामीणों की सूचना पर एसडीएम कुलदीप सिंह, तहसीलदार निधि पांडेय ने क्षेत्रीय लेखपाल बृजविहारी को मौके पर भेजकर जानकारी ली। जानकारी होने पर थानाध्यक्ष राजीव यादव भी मौके पर पहुंच गए। परिजन ने शव का पोस्टमॉर्टम कराने से मना कर दिया।