मुजफ्फरनगर। टीबी की पहचान के लिए जिले में 3000 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी, जिनमें अब तक बलगम के 25 सैम्पल लिये गये। जांच में तीन लोगों में टीबी की पुष्टि हुई है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ लोकेश चंद्र गुप्ता ने बताया कि टीबी मरीजों को चिन्हित कर टीबी मुक्त करने के लिए तेजी से प्रयास किये जा रहे हैं। टीबी फ्री सब नेशनल सर्टिफिकेशन 2022 के तहत पूरे जनपद में 15 टीम कार्य कर रही हैं। 18 से 20 फरवरी 2022 तक 3000 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी, जिसमें अब तक बलगम के 25 सैंपल लिये गये। जांच में तीन लोगों में टीबी की पुष्टि हुई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की कंसलटेंट डॉ रेनू डोफे ने बताया कि दो हफ्ते या उससे अधिक खांसी होना, दो हफ्ते या उससे अधिक बुखार होना, एक माह से सीने में दर्द रहना, तेजी से वजन और भूख कम होना, एक माह में कभी भी बलगम में खून का आना टीबी के मुख्य लक्षण हैं। नियमित उपचार के बाद टीबी का रोग पूरी तरह ठीक हो जाता है। उपचार के दौरान रोगी के बेहतर पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत सरकार की ओर से हर माह पांच सौ रुपए दिये जाते हैं। यह भुगतान रोगी के बैंक खाते में किया जाता है। पीपीएम कॉर्डिनेटर प्रवीण कुमार ने बताया कि जिले में 3867 मरीजों का इलाज चल रहा है।