दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में सीबीआई ने राउज़ एवेन्यू कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट

दिल्ली शराब घोटाले के मामले में सीबीआई ने शुक्रवार, 25 नवंबर 2022 को चार्जशीट दाखिल कर दी है. ये चार्जशीट कुल 7 लोगों के खिलाफ दायर की गई है. सीबीआई ने दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में ये आरोपपत्र दायर किया है. इसी कोर्ट में आबकारी नीति घोटाले की सुनवाई हो रही है.

सीबीआई ने कोर्ट को बताया है कि जिन 7 लोगों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई है, उसमें 3 लोग पब्लिक सर्वेंट हैं. इसके साथ ही सीबीआई ने कोर्ट को ये भी बताया है कि मामले में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ अभी जांच चल रही है. मामले में जिन 7 लोगों के खिलाफ आपोपपत्र दायर किया गया है उनके नाम- विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, समीर महेंद्रू, मुत्तथा गौतम, अरुण आर पिल्लई हैं. इसके अलावा सीबीआई ने एक्साइज के दो पूर्व अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का नाम नहीं

इस चार्जशीट की खास बात ये रही कि इसमें दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है. अब इस चार्जशीट पर कोर्ट में सुनवाई की जाएगी. सीबीआई ने बताया कि आरोप पत्र में दो गिरफ्तार कारोबारी, एक समाचार चैनल का प्रमुख, हैदराबाद निवासी एक शराब कारोबारी, दिल्ली निवासी एक शराब वितरक और आबकारी विभाग के दो अधिकारी शामिल हैं. अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी की जांच अभी जारी है. सीबीआई ने 10 हज़ार पेज की चार्जशीट दाखिल की है और अब रॉउज एवन्यू कोर्ट मामले में 30 नवंबर को अगली सुनवाई होगी और कोर्ट में सीबीआई की चार्जशीट पर सज्ञान लेने पर बहस होगी.

आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया

इस मामले पर आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि मई- जून के महीने से बीजेपी ने ये बात कहनी शुरू कर दी थी कि तथाकथित एक्साइज पॉलिसी में गड़बड़ हुयी है और बीजेपी वाले कहते थे कि अब तो जेल में जाना पड़ेगा जेल की रोटी खानी पड़ेगी लेकिन 6 महीने बीत जाने के बाद भी इनको कुछ नहीं मिला. 500 अफ़सरों के छानबीन करने के बाद और 600 जगह छापेमारी के बाद भी इनको मनीष सिसोदिया के खिलाफ कुछ नहीं मिला.

मनीष सिसोदिया जिन्हें आरोपी नंबर 1 बनाया गया उनके ख़िलाफ़ कुछ नहीं मिला. इतने दिनों की मशक़्क़त के बाद अगर CBI को कुछ नहीं मिला और चार्जशीट में मनीष सिसोदिया का नाम तक नहीं है तो इसके बाद बीजेपी के प्रवक्ताओं और नेताओं को देश के लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिये. इतिहास में पहली बार हो रहा है कि किसी मामले में आरोपी नंबर 1 के ऊपर आरोप तय नहीं कर पाये. उनकी चार्जशीट भी मनीष सिसोदिया के नाम लेने से मना कर रही है.

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