अगले दो हफ्ते में पूरी हो जाएगी सीडीएस हेलीकॉप्टर क्रैश की जांच: सूत्र

तमिलनाडु के कुन्नूर में बीते 8 दिसंबर को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) समेत हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए 14 लोगों की मौत के कारणों की जांच के लिए रक्षा मंत्रालय की ओर से गठित ट्राई सर्विस इंक्वायरी (Tri services inquiry) की जांच अगले 2 सप्ताह के भीतर पूरी हो सकती है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी गुरुवार को दी है।जांच का नेतृत्व भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के एक अधिकारी और देश के सर्वश्रेष्ठ हेलिकॉप्टर पायलट एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह और भारतीय सेना और भारतीय नौसेना के एक-एक ब्रिगेडियर-रैंक के अधिकारी कर रहे हैं। 

शीर्ष सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि जांच दल गवाहों के बयान दर्ज कर रहा है, जिसमें तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में दुर्घटनास्थल के पास घटनास्थल पर मौजूद लोग शामिल हैं। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि टीम के अगले दो हफ्तों में अपनी कार्रवाई पूरी करने की उम्मीद है। गौरतलब है कि, घटना के अगले ही दिन जांच टीमों ने अपना काम शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि बयान दर्ज किए जा रहे हैं और एक या दो मामलों में कुछ लोगों ने घटनाओं का लेखा-जोखा बदल दिया है.

जल्द होगी नए सीडीएस की नियुक्ति

बता दें कि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व्यक्तिगत रूप से इस जांच प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं और उन्हें संबंधित अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से अपडेट किया जा रहा है। भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भी कार्यवाही की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। सेना मुख्यालय को जांच के नतीजे का इंतजार है क्योंकि बल ने अपने सबसे वरिष्ठ अधिकारी और देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) सहित 13 अन्य लोगों को खो दिया है। रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि नए सीडीएस की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और जल्द ही नाम की घोषणा की जाएगी। 

8 दिसंबर को हुआ था दर्दनाक हादसा

बता दें कि, बीते 8 दिसंबर (बुधवार) को तमिलनाडु के कुन्नूर में Mi-17V5 ने सुलूर एयरबेस से उड़ान भरी थी और लगभग 30 मिनट की छोटी यात्रा के बाद इसे उतरना था। लेकिन पहुंचने वाले स्थान से करीब 10 किलोमीटर पहले  एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया। इस घटना में एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर में यात्रा कर रहे देश के पहले प्रधान रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 12 अन्य सैन्य अधिकारी दुर्घटना का शिकार हो गए, जिसमें सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई थी। 

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