कृषि कानूनों पर एक बार फिर केंद्र ने किया स्पष्ट रुख, संशोधन पर बातचीत के लिए तैयार

किसान बिल को लेकर पिछले करीब 6 महीने से अधिक समय से ज जारी विरोध को लेकर केन्द्र सरकार ने एक बार फिर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. किसानों की मांग को लेकर केंद्र की मोदी सरकार  का कहना है कि तीनों कृषि कानूनों को लेकर किसानों से एक ही शर्त पर बात करने को तैयार हैं. लेकिन वे कानून को वापस लेने की जिद्द छोड़ दें. सरकार की तरफ से कहा गया कि अगर किसान नेता (Farmers Leader) कानून में कोई संशोधन चाहते हैं या कुछ सुझाव देना चाहते हैं, तो उनका स्वागत किया जाएगा. वे बातचीत के लिए फिर से आ सकते हैं.

दरअसल किसानों की मांगो को लेकर मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसान से कई बार संवाद किया है. वे भविष्य में भी बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा. मीडिया से बातचीत में तोमर साफ किया कि अगर किसान नेता कानून में संशोधन का कोई प्रस्ताव लेकर आते हैं, तो उनसे बात की जाएगी. तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं, लेकिन फिर भी किसानों का कोई सुझाव है, तो उस पर गौर किया जाएगा.

गौरतलब हो कि पिछले करीब 6 महीने से भी अधिक समय से किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग को लेकर किसान दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं.उनका कहना है कि जब तब सरकार उनकी मांगे नहीं मान लेती है. तब तक उनका आंदोलन इसी तरह से चलता रहेगा. इसके लिए उन्हें अपनी जान क्यों ना देना पड़े. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से किसान नेताओं की ओर से कई दौर की बैठक पहले भी हो चुकी है. लेकिन सरकार और किसानों के बीच इस कानून को वापस लेने को लेकर बात नहीं बन सकी.

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