राज्यों की जीएसटी भरपाई करने के लिए केंद्र सरकार लेगी 1.58 लाख करोड़ का उधार, FY22 में चाहिए 2.7 लाख करोड़ की रकम

वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्यों की जीएसटी राजस्व की क्षतिपूर्ति के लिये केन्द्र सरकार पिछले साल की तरह ही इस साल भी कर्ज उठायेगी और उसे राज्यों को जारी करेगी. इस साल यह राशि 1.58 लाख करोड़ रुपए होगी. बता दें कि जुलाई 2017 में जीएसटी व्यवस्था लागू करते समय राज्यों को पांच साल तक उनकी राजस्व में आने वाली कमी की भरपाई के लिये कुछ खास वस्तुओं पर सेस लगाने की व्यवस्था शुरू की गई थी. सेस से मिलने वाली राशि को राज्यों को उनके राजस्व भरपाई के लिये जारी किया जाता है.

GST कंपनसेशन सेस को लेकर पुराने फॉर्मूला को अपनाने की बात की गई है. अनुमान है कि कंपेनसेशन में कमी को लेकर केंद्र सरकार को 1.58 लाख करोड़ रुपए का कर्ज अलग से लेना होगा. केंद्र कर्ज के पैसे से राज्यों के हिस्से की भरपाई करेगी.

बुलाया जाएगा जीएसटी काउंसिल का एक विशेष सत्र

GST व्यवस्था लागू होने के समय शुरू की गई उपकर व्यवस्था के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि जुलाई 2022 के बाद भी सेस व्यवसथा को लागू रखने के मुद्दे पर विचार करने के लिये जीएसटी काउंसिल का एक विशेष सत्र बुलाया जाएगा जिसमें केवल इस बारे में ही चर्चा होगी. वित्त मंत्री की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 43वीं बैठक का आयोजन शुक्रवार को वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये हुआ. काउंसिल में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और प्रतिनिधि शामिल रहे.

FY22 में चाहिए 2.7 लाख करोड़ की रकम

राज्यों को दी जानेवाली जीएसटी कंपनसेशन में चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 2.7 लाख करोड़ रुपए की कमी रहने का अनुमान है. केंद्र को उम्मीद है कि लग्जरी, अहितकर वस्तुओं पर लगाये जाने वाले उपकर से 1.11 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि प्राप्त होगी. यह राशि जीएसटी क्रियान्वयन की वजह से राज्यों के राजस्व में आई कमी की भरपाई के लिये क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाएगी.

जीएसटी राजस्व में 17 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान

वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में जीएसटी राजस्व में 17 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान रखा गया था. इस लिहाज से मासिक सकल जीएसटी राजस्व 1.1 लाख करोड़ रुपए बैठता है. फरवरी 2021 से जनवरी 2022 के बीच की अवधि में संरक्षित राजस्व और वास्तविक राजस्व में कमी, क्षतिपूर्ति जारी करने के बाद 1.6 लाख करोड़ रुपए के करीब रहेगी.

बता दें कि पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में केंद्र ने राज्यों के जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिये उनकी तरफ से कर्ज लिया था और उन्हें 1.10 लाख करोड़ रुपए जारी किये थे. इसके अलावा 68,700 करोड़ रुपए सेस के जरिये संग्रह किये गये 

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