लोकसभा चुनावों के प्रचार में भाषण के दौरान डीएम पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने समेत भड़काऊ भाषण और आचार संहिता उल्लंघन के तीन मामलों में सपा सांसद आजम खां के खिलाफ आरोप तय हो गए हैं। इस दौरान आजम खां वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए कोर्ट की कार्रवाई के दौरान उपस्थित रहे। इन मामलों में कोर्ट ने गवाह को तलब करते हुए गवाही के लिए 23 नवंबर की तारीख तय की है।
लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान आजम खां के खिलाफ मिलक थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। जिसमें आरोप था कि आजम खां ने प्रचार के दौरान डीएम समेत तीन अधिकारियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसकी वीडियो प्रभारी वीडियो निगरानी टीम अनिल चौहान के पास पहुंची थी। जिस पर उन्होंने मिलक थाने में 9 अप्रैल 2019 को दो वर्गों में वैमनस्यता पैदा करने और अपमानजनक शब्दों के प्रयोग के आरोप में आजम खां के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
दूसरा मामला शहजादनगर थाना क्षेत्र का है। इस मामले में प्रभारी वीडियो निगरानी टीम अनिल चौहान ने आजम खां के एक वीडियो के आधार पर 10 अप्रैल 2019 को अपमानित करने के उद्देश्य से भाषण देने का आरोप लगाते हुए इसे आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
तीसरा मामला शाहबाद थाना क्षेत्र का है। इसमें भी प्रभारी वीडियो निगरानी टीम अनिल चौहान ने एक वीडियो के आधार पर आजम खां के खिलाफ लोगों को उकसाने के उद्देश्य से निर्वाचन आयोग के खिलाफ टिप्पणी के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
अब ये मामले एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश आलोक दुबे की कोर्ट में चल रहे हैं, जिनमें शुक्रवार को तारीख थी। जिला शासकीय अधिवक्ता अरुण प्रकाश सक्सेना ने बताया कि इन तीनों मामलों में आजम खां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहे। परंतु उनके अधिवक्ता बार-बार पुकार करने पर भी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। जिस पर कोर्ट ने तीनों मामलों में आरोप तय कर दिए हैं और गवाही के लिए 23 नवंबर की तारीख तय करते हुए गवाह तलब किए गए हैं।