छत्तीसगढ़: सुरक्षाबलों के साथ हुई गोलीबारी में मारे गए तीन लोगों की हुई शिनाख्त,आगे पढ़े

नई दिल्ली: सुकमा जिले के सिलगेर में सुरक्षाबलो और माओवादियों के बीच हुई गोलीबारी में 3 लोगो की मौत के मामले पिछले 3 दिनों से शिनाख्ती के लिए परेशान हो रही पुलिस को अब राहत मिल गयी है। दरअसल 16 मई से करीब 3 हजार के आसपास ग्रामीण सिलगेर में स्थापित हो रहे सी आर एफ के कैम्प का विरोध करने के लिए इकट्ठे हुए थे।

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इस दौरान पुलिस ने ग्रामीणों को समझाइश देकर उन्हें अपने गांव वापिस लौटने के लिए कहा लेकिन ग्रामीण वहाँ डटे रहे. आईजी  सुंदरराज पी के मुताबिक ग्रामीणों के आड़ में माओवादी भी वहाँ पहुँचे हुए थे और ग्रामीणों की आड़ में कैम्प नही खुलने देने का विरोध कर रहे थे स्थिति उस समय बिगड़ गयी जब ग्रामीण तार की बेरिकेटिंग को तोड़कर कैम्प में घुसने का प्रयास कर रहे थे तभी ग्रामीणों की आड़ में खड़े माओवादियों ने गोली चला दी। जिस पर सुरक्षाबलो ने भी जवाबी कार्यवाई की।

बताया जा रहा है कि इस दौरान 3 लोगो की गोली लगने से मौत हो गयी थी और 5 लोग घायल हुए थे। इस घटना में 13 डी आर जी और 6 सीआरपीएफ के जवान भी घायल हुए. लेकिन जो लोग मारे गए थे और जो घायल हुए थे उनकी पहचान नही हो रही थी। तीन दिनों तक पुलिस मारे गए लोगो की पहचान में जुटी रही बुधवार को देर शाम पुलिस को शिनाख्ती में मदत मिली। पुलिस के मुताबिक सूत्रों से ये जानकारी मिली है कि जो तीन लोग मारे गए है वे माओवादियों के फ्रंट लाइन में काम करने वाले कैडर के लोग है. जो माओवादियों के अलग अलग संघटनो से जुड़े है। शिनाख्ती की कार्यवाही के बाद पुलिस ने 3 शवों को उनके परिजनों को सौप दिया है।

वही प्रदर्शन में आई एक युवती ने बताया कि गांव में कैंप नहीं चाहिए हॉस्पिटल और स्कूल की व्यवस्था कर दी जाए ताकि हम अच्छे से पढ़ाई कर सकें गांव में ऑनलाइन पढ़ाई भी नहीं हो पाती यहां पर नेटवर्क नहीं रहता है जिसके कारण हम ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पाते हमको कैंप के अलावा स्कूल और हॉस्पिटल दिया जाए।

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