छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में एक सरकारी अस्पताल में दो दिनों के अंदर छह नवजात बच्चों की मौत हो गई है। जिसके बाद राज्य सरकार ने अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है। इस बीच अधिकारियों ने कहा है कि इन मौतों में कुछ भी असामान्य नहीं है, क्योंकि इन नवजातों की मौत जन्म संबंधी जटिलताओं की वजह से हुई है।
अधिकारियों के मुताबिक, राजधानी रायपुर से करीब 300 किलोमीटर दूर सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर में राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध अस्पताल (जीएमसीएच) में ये मौतें हुई हैं। जीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने कहा, ‘‘एक नवजात की मौत 15 अक्टूबर की देर रात हुई, जबकि पांच अन्य नवजातों की मौत 16 अक्टूबर को हुई। सभी मृत नवजातों की उम्र चार से 28 दिन के बीच थी। इन चारों नवजातों को जन्म के बाद दूसरे अस्पतालों से रेफर किया गया था।’’
जीएमसीएच अधीक्षक ने कहा, “इन मौतों में कुछ भी असामान्य नहीं है। उन्होंने बताया- दो नवजातों को सांस लेने की समस्या थी, जबकि अन्य का वजन कम था। अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि मृत नवजात के माता-पिता ने कर्मचारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा हंगामा किया। बाद में अन्य मृत नवजातों के परिजन भी हंगामे में शामिल हो गए।
बच्चों की मौत की जानकारी मिलने के बाद छत्तीसगढ़ के शहरी प्रशासन एवं विकास मंत्री शिवकुमार दहेरिया अधिकारियों से बैठक के लिए अंबिकापुर रवाना हो गए। वह सरगुजा जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं। यहां जारी विज्ञप्ति के मुताबिक दिल्ली दौरे पर गए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव अपना दौरा बीच में ही छोड़कर वापस लौट रहे हैं।
जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर दहरिया अंबिकापुर के लिए रवाना हो गए हैं, जहां पर उन्होंने जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और अस्पताल के अधीक्षक के साथ आपात बैठक बुलाई है।’’ विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने रायपुर और बिलासपुर से विशेष स्वास्थ्य टीम अंबिकापुर भेजने के निर्देश दिए हैं।