छत्तीसगढ़: हमें दूसरे धर्मों का सम्मान करना चाहिए- भूपेश बघेल

पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ नुपुर शर्मा द्वारा दिए गए बयान पर अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि हमें दूसरे धर्मों का सम्मान करना चाहिए। भारत विविधताओं का देश है। यदि आप दूसरों के खिलाफ घृणा का माहौल बनाते हैं तो आगे भी इसी तरह से मुस्लिम देशों के सामने भारत की छवि खराब होगी। क्या यह सही है कि मुस्लिम देश भारत की निंदा करे।

अरब देशों में विरोध
कुछ धार्मिक समूहों के विरोध प्रदर्शनों और कुवैत, कतर और ईरान जैसे देशों की तीखी प्रतिक्रिया के बीच, भाजपा ने एक बयान जारी कर इस मामले पर स्पष्टिकरण दिया था। पार्टी ने जोर देकर कहा था कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व के अपमान की कड़ी निंदा करती है। दिल्ली पुलिस ने अधिकारी ने बताया कि नुपुर शर्मा ने लगातार मिल रही धमकियों के बारे में शिकायत की थी। इसके बाद उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई गई है।

नुपुर शर्मा की बढ़ाई गई सुरक्षा
विवादित टिप्पणी के आरोप में भारतीय जनता पार्टी से निलंबित की गईं प्रवक्ता नुपुर शर्मा और उनके परिवार को दिल्ली पुलिस ने एक शिकायत के बाद सुरक्षा मुहैया करवाई है। टिप्पणी के बाद से ही नुपुर को जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं, जिसके खिलाफ उन्होंने थाने में शिकायत करते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई थी। इसी एफआईआर के आधार पर पुलिस ने उन्हें व उनके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई है। 

नुपुर शर्मा को मिला विश्व हिंदू परिषद का साथ
वहीं नुपुर शर्मा को विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) का साथ मिला है। विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि नुपुर शर्मा का बयान सही या गलत, यह अदालत तय करेगी। वीएचपी नेता ने अदालत के फैसले का इंतजार किए बिना नुपुर की टिप्पणी पर हिंसक प्रदर्शनों पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि कुछ लोग कानून अपने हाथ में ले रहे हैं। 

क्या है मामला
दरअसल करीब 10 दिनों पहले एक टीवी डिबेट के दौरान नुपुर शर्मा द्वारा दिए गए विवादित बयान और जिंदल द्वारा डिलीट की गईं ट्वीट्स के बाद ट्विटर पर विवाद बढ़ गया था। विरोध कर रहे देशों में भारतीय उत्पाद का बहिष्कार करने की बात होने लगी थी। पार्टी द्वारा एक्शन लिए जाने के बाद नुपुर ने अपना विवादित बयान वापस लिया था। उन्होंने दावा किया था कि भगवान शिव के लगातार मजाक उड़ाए जाने और उनका अपमान होता देख उन्होंने ऐसी प्रतिक्रिया दे डाली थी। नुपुर ने स्पष्ट कहा था कि अगर उनके बयान से किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हों तो वह क्षमा मांगती हैं।

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