कुन्नूर हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए आगरा के विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान के सरन नगर स्थित आवास पर शुक्रवार दोपहर को तकरीबन 3:30 बजे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे। उन्होंने शहीद विंग कमांडर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने शहीद के पिता सुरेंद्र सिंह को ढांढस बंधाया। वह शहीद के घर के करीब 20 मिनट रुके। इसके बाद रवाना हो गए।
शाम तक आ सकता है पार्थिव शरीर
विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान आगरा के सरन नगर (दयालबाग) के रहने वाले थे। सीडीएस बिपिन रावत के साथ वह भी बुधवार को हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हो गए थे। उनके निधन से सरन नगर की हर आंख नम है, गली में मातम छाया हुआ है। उनका पार्थिव शरीर देर रात तक आगरा पहुंचने की संभावना है। उनका अंतिम संस्कार अब ताजगंज शमशान घाट पर होगा। पहले पोइया घाट पर अंतिम संस्कार होना था। परिजनों की इच्छा अनुसार अंतिम संस्कार का स्थान बदला गया है।
कांग्रेस के नेताओं ने परिवार को बंधाया ढांढस
शुक्रवार सुबह शहीद विंग कमांडर के घर पर उनके परिजनों को सांत्वना देने के लिए कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री, भंवर जितेंद्र सिंह और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा पहुंचे। उन्होंने शहीद के पिता को ढांढस बंधाया। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पूरा देश शहीद के परिवार के साथ खड़ा है। हम प्रार्थना करते हैं कि भगवान उनके परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति दें।
31 दिसंबर को आना था आगरा
विंग कमांडर पृथ्वी सिंह 31 दिसंबर को आगरा स्थित अपने घर आने वाले थे। उन्हें पिता को जन्मदिन पर सरप्राइज देना था। उन्होंने परिजनों से यह बात साझा भी की थी, लेकिन पिता को बताने से मना किया था। बृहस्पतिवार सुबह इसकी जानकारी पिता को हुई। वह बार-बार यही कह रहे थे कि ऐसा सरप्राइज क्यों दे गया मेरा बेटा।
पृथ्वी का जुनून था जंगी जहाज, हवा से करते थे बातें
पृथ्वी सिंह का जन्म एक कारोबारी परिवार में हुआ था लेकिन उनका जुनून तो जंगी जहाज उड़ाना था। हवा से बातें करना उन्हें पसंद था। बचपन से ही देशप्रेमी थे। आईएएफ (इंडियन एयरफोर्स) में जाना चाहते थे। यही कारण था कि उन्होंने आर्मी स्कूल में दाखिला लिया और फिर आगे की पढ़ाई करते हुए वायु सेना का रुख कर लिया। पृथ्वी एक उत्साही और निर्भीक योद्धा थे। एयरफोर्स के कई अभियानों में उन्होंने खुद को साबित किया था।
सरन नगर निवासी विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान की सादगी और जज्बे का हर कोई कायल था। वह जब भी घर आते थे तो पड़ोसियों और रिश्तेदारों से जरूर मिलते थे। उनके निधन से सरन नगर समेत पूरे आगरा में शोक की लहर है। जांबाज विंग कमांडर के अंतिम दर्शन करने के लिए लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। हालांकि अभी शहीद का पार्थिव शरीर नहीं आया है।