धोखेबाजी पर उतारू चीन, देपसांग के पास बना रहा है आधुनिक सड़क

अभी चंद घंटे पहले ही तीनों सेनाओं के प्रमुख जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat)ने आक्रामक चीन और उसके पिट्ठू पाकिस्तान की चुनौतियों को लेकर रॉकेट फोर्स तैयार करने की संभावना व्यक्त की. इसी बीच हांगकांग के अखबार एचके पोस्ट ने चीन (China)की दगाबाजी की पोल फिर खोल दी है. अखबार के मुताबिक पूर्वी लद्दाख के महत्वपूर्ण स्थानों से पीछे हटने के लिए भारत और चीन के बीच कूटनीतिक और सैन्य बातचीत अभी मुकम्मल हल तक नहीं पहुंच सकी है. सीमा विवाद से जुड़े इस तनाव के बीच ड्रैगन ने अपनी कुटिल चालों को अमली जामा पहनाने का काम भी जारी रखा है. एचके पोस्ट ने सैटेलाइट तस्वीरों का हवाला देते हुए लिखा है कि बीजिंग प्रशासन देपसांग (Depsang) के पास आला दर्जे की सड़क का निर्माण कर रहा है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास हो रहे इस सड़क निर्माण से चीन की पीएलए सेना की आवाजाही और सुगम हो जाएगी. 

भारत के एयरबेस से महज 24 किमी दूर
हांगकांग पोस्ट के मुताबिक देपसांग के पास चीन जिस सड़क का निर्माण कर रहा है, वह भारत के दोलत बैग ओल्डी एय़रबेस से महज 24 किमी दूर है. चीन इस सड़क निर्माण को तियानवेंडियन राजर्माग के विस्तार के रूप में प्रचारित कर रहा है. अगस्त में सैटेलाइट से मिली तस्वीरों के बाद चीन से तनाव एक बार फिर बढ़ गया है. जाहिर है तनाव के बीच सामान्य संबंधों की बहाली के लिए चीन की बातचीत की पेशकश असल में एक धोखा है. ड्रैगन कूटनीतिक और सैन्य बातचीत के बीच भारत के खिलाफ अपने को मजबूत बनाने की ही कोशिश कर रहा है. 

अक्साई चीन में भी बना रहा सड़कें
एचके पोस्ट के मुताबिक 17 अगस्त 2021 की सैटेलाइट तस्वीरों से साफ है कि बीजिंग प्रशासन एलएसी के पास पश्चिमी क्षेत्र के साथ-साथ देपसांग मैदानों के पास बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा है. इन तस्वीरों से साफ है कि देपसांग के मैदानी इलाकों की ओर जाने वाली तियानवेंडियन हाईवे पर मरम्मत, चौड़ीकरण का काम हो रहा है. यही नहीं, चीन अक्साई चीन में भी अधोसंरचना को मजबूत कर रहा है. वहां भी ड्रैगन पुरानी सड़कों की मरम्मत के साथ नई सड़कों का निर्माण कर रहा है. गौरतलब है अक्साई चीन पर चीन का अवैध कब्जा है. इस तरह देखें तो तियानवेंडियन राजर्माग का विस्तार सामरिक रूप से चीन का बड़ा कदम होगा. इस तरह ड्रैगन भारत से गतिरोध के दौरान अपने सैनिकों समेत टैंकों और अन्य सैन्य साज-ओ-सामान के जरिए भारतीय चौकियों के और करीब आ जाएगा.

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