भारत की सुरक्षा में सेंध लगाने को आतुर चीन और पाकिस्तान के बीच दुरभि संधि पुरानी है लेकिन दोनों ने मिल कर कल भारत के विरुद्ध जबरदस्त पेशबंदी कर दी। भारत के मुकाबले पाकिस्तान की नौसेना बहुत कमज़ोर है, इस लिए चीन ने भारत को घेरने के उद्देश्य से पाकिस्तान को आणविक शक्ति से लैस आठ अति आधुनिक पनडुब्बियां देने का रणनीतिक निर्णय लिया है।
चीन ने बड़ी मारक क्षमता से लैस इन आठ पनडुब्बियों में से पहली पनडुब्बी 27 अप्रैल को पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख एडमिरल नवीद अशरफ को सौंप दी। चीन-पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी जलावतरण समारोह में उपस्थित थे। पहली पनडुब्बी के बाद पाकिस्तान को 7 अत्याधुनिक पनडुब्बियां और मिलेंगी। इस प्रकार पाकिस्तानी नौसेना भारतीय नौसेना के मुकाबले अधिक सक्षम हो जाएगी।
यह संतोष की बात है कि भारतीय नेतृत्व चीन की कुचालों और भारत विरोधी रणनीति से पूर्णतः अवगत भी है और सावधान भी है। भारत का स्वदेशी पनडुब्बी बनाना शानदार उपलब्धि है किन्तु चीन-पाकिस्तान की घेराबन्दी से भारत की सुरक्षा को जबरदस्त खतरा तो बना हुआ है ही। सबसे अधिक चिन्ताजनक एवं खतरनाक स्थिति यह है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और विपक्ष के सभी नेता भारतीय सेनाओं के मनोबल पर निरन्तर प्रहार करते हैं। राहुल ने 15 मिनट में चीन को उठाकर फेंकने की डींग हांकने के साथ डोकलाम व बालाकोट मामले में भारत की नियत पर संदेह किया और सेना के मनोबल को तोड़ा।
इतना ही नहीं, राजीव गांधी फाउंडेशन में चीन से करोड़ों डॉलर का चंदा ले लिया और चीनी राजदूत की दावत खाने बहन-बहनोई के साथ जा पहुंचे। कैलाश यात्रा में वरिष्ठ चीनी अधिकारियों के साथ गुपचुप मुलाकात की। अपनी कथित दूसरी न्याय यात्रा अरुणाचल से आरंभ नहीं की क्यूंकि चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है। पाकिस्तान व चीन दोनों को खुशी है कि भारत में उसके हमदर्द मौजूद हैं जो भारत के नेतृत्व व भारतीय सेना के मनोबल को तोड़ने में जुटे रहते हैं।
गोविन्द वर्मा
संपादक ‘देहात’