चित्रकूट का रानीपुर वन्यजीव विहार होगा यूपी का चौथा टाइगर रिजर्व

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि गंगा नदी में डॉल्फिन की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में प्रदेश में एक डॉल्फिन पार्क की स्थापना की जाए। साथ ही प्रदेश में इको टूरिज़्म को बढ़ावा देते हुए नेचर गाइड को मानदेय पर रखा जाए। इसी के साथ मुख्यमंत्री ने प्रदेश में चार नए वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर का शिलान्यास किया। उन्होंने निर्देश दिए कि चित्रकूट की रानीपुर सेंचुरी को रानीपुर टाइगर रिजर्व के रूप में प्रदेश के चौथे टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया जाए। मुख्यमंत्री शुक्रवार को उत्तर प्रदेश राज्य वन्य जीव बोर्ड की 13वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

सीएम योगी ने निर्देश दिए ईको टूरिज्म की संभावनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए एक जिला-एक गंतव्य योजना में हर जिले में अनुकूल गंतव्य स्थलों का चयन कर वहां पर्यटन सुविधाओं को बेहतर बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ईको पर्यटन, वन्य जीव एवं अन्य वानिकी कार्यों में स्थानीय लोगों को शामिल किए जाने के लिए ‘नेचर गाइड’ बेहतर विकल्प हो सकते हैं। योग्य युवाओं का चयन कर इनका बेहतर प्रशिक्षण कराया जाए। प्रशिक्षण अवधि में इन्हें उचित मानदेय भी दिया जाना चाहिए।

चित्रकूट में बनेगा चौथा टाइगर रिजर्व 
उन्होंने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना के फलस्वरूप पन्ना टाइगर रिजर्व में जलभराव की स्थिति बनेगी, जिसके कारण बाघों का मूवमेंट चित्रकूट की ओर होगा। यह उत्तर प्रदेश के लिए एक अच्छा अवसर है। ऐसे में चित्रकूट की रानीपुर सेंच्युरी को रानीपुर टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया जाए। 630 वर्ग किलोमीटर का यह टाइगर रिजर्व प्रदेश चौथा टाइगर रिजर्व होगा। इस संबंध में जरूरी कार्यवाही करें।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जल्द से जल्द प्रदेश में चार वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर की स्थापना की जाए। ये रेस्क्यू सेंटर मेरठ वन प्रभाग के हस्तिनापुर, महराजगंज के मधवलिया, चित्रकूट वन प्रभाग के बहिलपुरवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व के गोपालपुर में स्थापित होंगे। मुख्यमंत्री ने इनका शिलान्यास भी किया। साथ ही कहा कि रेस्क्यू सेंटर का निर्माण अगले दो वर्ष में पूरा कर लिया जाए। निर्माण गुणवत्तापूर्ण हो और समयबद्ध ढंग से पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित करें। बरसात के दिनों में जंगलों में जलभराव न हो लिहाजा जंगल के करीब की नदियों की ड्रेजिंग कराई जाए।

बखिरा झील के लिए बनाई जाए योजना
संतकबीरनगर का बखिरा झील ईको टूरिज्म की अपार संभावनाओं को समेटे हुए है। यहां के विकास के लिए बेहतर कार्ययोजना तैयार करें। यह प्रयास स्थानीय स्तर पर रोजगार की नवीन संभावनाओं को भी जन्म देने वाला होगा। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वन्य क्षेत्रों में जल जीवन मिशन की विविध परियोजनाएं, पेयजल, ऑप्टीकल फाइबर बिछाए जाने, सड़क चौड़ीकरण आदि के कई कार्यों को सहमति प्रदान की गई। इन कार्यों को तेजी के साथ पूरा कराया जाए। अधिकारी परियोजनाओं की नियमित समीक्षा करें। जल्द ही वन महोत्सव के भव्य आयोजन के लिए सभी तैयारियां समय से पूरी कर ली जाएं।

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