पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले गुरुवार को बड़ा उलटफेर हुआ। दिल्ली में हाईकमान के सामने पेशी से पहले सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने धुर विरोधी और पंजाब एकता पार्टी के प्रधान सुखपाल खैरा को कांग्रेस पार्टी में शामिल करवा दिया। इसे कैप्टन का बड़ा राजनीतिक दांव माना जा रहा है। खैरा के साथ मौड़ से आप के विधायक जगदेव सिंह कमालू और भदौड़ के आप विधायक पिरमल सिंह धौला ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया।
कैप्टन ने कहा कि तीनों सीनियर नेताओं को पार्टी में शामिल करने को लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रधान सोनिया गांधी की ओर से इजाजत मिल गई है। एआईसीसी के महासचिव और पंजाब इंचार्ज हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ तीन सदस्यीय कमेटी से दिल्ली में विचार-विमर्श में व्यस्त हैं। उन्हें आस है कि उनसे आशीर्वाद कुछ दिनों में मिल जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पक्की राय है कि सुखपाल खैरा और उनके साथियों के शामिल होने से कांग्रेस पार्टी और मजबूत होगी। गुरुवार को चंडीगढ़ में साधारण शिरकत समारोह के दौरान पटियाला से सांसद परनीत कौर भी मौजूद रहीं। उन्होंने कहा कि पार्टी में शामिल हुए विधायक पार्टी को और मजबूत करेंगे।
वहीं राजनीतिक माहिरों के अनुसार, कैप्टन ने नवजोत सिंह सिद्धू के मुकाबले में सुखपाल खैरा को पार्टी ज्वाइन करवाई है। सुखपाल खैरा अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। खैरा कपूरथला के भुलत्थ से विधायक हैं। वे पहले कांग्रेस में थे। बाद में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थामा। 2017 का चुनाव वे आप की टिकट पर जीते। 2018 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद खैरा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी पंजाब एकता पार्टी बनाई थी। नौ मार्च को उनके चंडीगढ़ स्थित आवास पर ईडी का छापा पड़ा था।