सीएम डैशबोर्ड रैंकिंग: मंडल का सबसे बड़ा जिला कानपुर टॉप-5 से बाहर

सरकार की जन उपयोगी योजनाओं के क्रियान्वयन की मॉनीटरिंग करने वाली सीएम डैश बोर्ड की ओर से जारी अक्तूबर की रैंकिंग में मंडल का सबसे बड़ा जिला कानपुर टॉप-5 में जगह नहीं बना सका है। इटावा, औरैया, कन्नौज, फर्रुखाबाद, कानपुर देहात जैसे छोटे जिलों का प्रदर्शन कानपुर से अच्छा रहा और टॉप-5 में जगह बनाई।

27 विभागों की 63 परियोजनाओं में सिर्फ दिव्यांग पेंशन में कानपुर टॉप-5 में स्थान पा सका है। बिजली, शिक्षा, चिकित्सा, जल जीवन मिशन और शौचालय निर्माण जैसी आवश्यक योजनाओं में महानगर पिछड़ गया है। इसकी वजह शिकायतों का समय से निस्तारण नहीं होना बताया जा रहा है।

मुख्यमंत्री की निगरानी में जारी की जाने वाली इस सूची में विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की रीयल टाइम मॉनिटरिंग की जाती है। डैश बोर्ड के माध्यम से जिलों के हिसाब से विभागों की हर महीने रिपोर्ट तैयार कर रैकिंग जारी की जाती है। दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री की ओर से यह कहा गया था कि योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी पर जिम्मेदारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई जाएगी।

इन विभागों की योजनाओं की रैकिंग जारी
यूपी नेडा, बिजली विभाग, कृषि, अवस्थापना, औद्योगिक विकास, ग्राम्य विकास, ग्रामीण अभियंत्रण, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, दुग्ध विकास, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलपूर्ति, पंचायतीराज, पर्यटन, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन, प्राथमिक शिक्षा, पशुधन, मत्स्य, महिला एवं बाल विकास, माध्यमिक शिक्षा, लोक निर्माण, कौशल विकास एवं उद्यमिता, श्रम एवं सेवायोजन, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, सैनिक कल्याण, सहकारिता, लोक शिकायत विभाग।

पिछड़ने की वजह
सीएम डैश बोर्ड से जारी रैकिंग में सभी विभागों के लक्ष्य के सापेक्ष काम के हिसाब से रैंक जारी की जाती है। ऐसे में लक्ष्य के सापेक्ष काम न करना, योजनाओं या शिकायत निस्तारण के आवेदन पत्रों के सापेक्ष लाभ न मिलना या शिकायतों का निस्तारण न होना।

छह मुख्य विभाग… जिनमें पिछड़ा कानपुर

1. विद्युत आपूर्ति में मिली 31वीं रैंक
निर्धारित विद्युत आपूर्ति के सापेक्ष 43899 मिनट यानी 98.34 फीसदी आपूर्ति होने के कारण 31वीं रैंक मिली।
2. स्वास्थ्य एवं चिकित्सा में आठ जिले आगे
287 दवाओं की सूची में 273 दवाएं मिली। यानी 95.12 फीसदी आपूर्ति होने के कारण 9वीं रैंक मिली।
3. हर घर जल पहुंचाने में 30 जिलों से पिछड़ा
303620 परिवारों के सापेक्ष 227348 परिवारों को कनेक्शन मिला। यानी 74.88 फीसदी आपूर्ति होने के कारण 31वीं रैंक मिली।
4. व्यक्तिगत शौचालय निर्माण में 26वीं रैंक
29579 लक्ष्य के सापेक्ष 22790 शौचालय बनें। 77.05 फीसदी कार्य होनें पर 26वीं रैंक मिली
5. मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना में 65वीं रैंक
920 आवेदन के सापेक्ष 234 ही अनुमोदित हो सके। 59.59 फीसदी कार्य होनें पर 65वीं रैंक आई।
6. कन्या विवाह सहायता योजना में प्रदेश में सबसे पीछे
2011 आवेदन के सापेक्ष 157 को ही स्वीकृति मिली। यानी 25.75 फीसदी कार्य होनें पर 75वीं रैंक आई

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here