हरियाणा में सियासी भूचाल के बीच कांग्रेस विधायक दल के उप नेता आफताब अहमद ने राज्यपाल बंडारू दत्तारेय से मिलने का समय मांगा है. हरियाणा कांग्रेस नायब सिंह की सरकार को गिराने की कोशिश में दिख रही है. आफताब हरियाणा की बीजेपी सरकार को फ्लोर टेस्ट पास करने की मांग को लेकर राज्यपाल से मिलेंगे. हालांकि, अभी तक इस मामले में हरियाणा राजभवन से आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
बताते चलें कि तीन निर्दलीय विधायक समर्थन वापस ले चुके हैं. अब भारतीय जनता पार्टी की पूर्व सहयोगी जेजेपी के नेता दुष्यंत चौटाला ने बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा है कि सरकार को गिराने में हम बाहर से समर्थन करेंगे. मगर, ऐसा करने के लिए कांग्रेस को आगे होना होगा.
दुष्यंत चौटाला ने क्या कहा?
दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि बीजेपी सरकार अगर अल्पमत में है तो उसे गिराने में हम बाहर से समर्थन करेंगे. अब ये कांग्रेस को सोचना है कि वो सरकार को गिराने के लिए कोई कदम उठाएगी या नहीं. हम विपक्ष के तौर पर सरकार गिराने के पक्ष में हैं. मगर, सरकार गिराने के लिए अब कांग्रेस को आगे बढ़ना है. जब तक व्हिप की ताकत है, तब तक हमारे सभी विधायकों को पार्टी के आदेश के अनुसार वोट डालना पड़ेगा.
हरियाणा विधानसभा का समीकरण
90 सीटों वाले हरियाणा विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 45 है. बीजेपी के 41 विधायक हैं. 6 निर्दलीय विधायकों का समर्थन था. इनमें से पुंडरी सीट से रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर और चरखी दादरी से सोमवीर सांगवान नेसमर्थन वापस ले लिया है. इस तरह देखें तो हरियाणा की सैनी सरकार के पास मौजूदा वक्त में 44 विधायक ही बचे हैं.
जेजेपी में भी सब ठीक नहीं चल रहा!
ऐसा कहा जा रहा है कि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के 10 में से 7 विधायक अपनी पार्टी से नाराज हैं. अंदरखाने बीजेपी के संपर्क में बताए जा रहे हैं. फ्लोर टेस्ट में ये विधायक क्रॉस वोट करके बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं. या फिर वोटिंग से गैर-हाजिर होकर भी बीजेपी की मदद कर सकते हैं.