झारखंड: राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस और सीएम सोरेन की पार्टी मिलकर लड़ेंगे चुनाव

झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने रविवार को राज्यसभा चुनाव के लिए बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी की कोई खींचातानी नहीं है। प्रदेश से राज्यसभा चुनाव में दोनों दलों का एक साझा उम्मीदवार होगा। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि उम्मीदवार दोनों दलों में से किसका होगा? उन्होंने बताया कि उम्मीदवार की घोषणा रांची से की जाएगी।

सोरेन ने यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब कांग्रेस और झामुमो के बीच झारखंड से राज्यसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारने को लेकर खींचातानी की खबरें आ रही हैं। सोरेन ने शनिवार रात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से एक घंटे से अधिक समय तक मुलाकात की थी। राज्य में प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को लेकर सोरेन ने कहा कि वह शेर के बेटे हैं और उनका कोई बाल भी बांका नहीं कर पाएगा। 

राज्यसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव के संदर्भ में कोई निर्णय लेने से पहले सहयोगी कांग्रेस से बातचीत करनी जरूरी थी। सोनिया गांधी से कल एक से सवा घंटे की मुलाकात हुई, कुछ चीजों पर सहमति बनी है। यह पूछे जाने पर कि उम्मीदवार किस पार्टी का होगा तो उन्होंने कहा कि गठबंधन की तरफ से एक ही उम्मीदवार होगा। चीजों को आखिरी मुकाम तक पहुंचाने में थोड़ा समय लगेगा। इसकी घोषणा झारखंड से होगी। हम रणनीति के तहत यह कर रहे हैं।

कांग्रेस के साथ खींचातानी की खबरों के बारे पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। अगर ऐसा होता तो क्या कल सोनिया गांधी से एक-सवा घंटे की मुलाकात होती। जब घर में बर्तन होते हैं, तो खनकने की आवाज आती ही है। झारखंड में 10 जून को राज्यसभा की दो सीट के लिए मतदान होना है। इन सीट के लिए चुनाव केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और भाजपा सांसद महेश पोद्दार का कार्यकाल सात जुलाई को समाप्त होने के मद्देनजर होने वाला है। 

राज्य की 82 सदस्यीय विधानसभा में 81 निर्वाचित सदस्य होते हैं, लेकिन इस समय झारखंड विकास मोर्चा से कांग्रेस में गये विधायक बंधु तिर्की की सदस्यता आय से अधिक संपत्ति मामले में 28 मार्च को तीन वर्ष कैद की सजा पाने के बाद समाप्त हो चुकी है, जिसके चलते विधानसभा में मतदान करने योग्य कुल सदस्यों की संख्या 80 ही रह गई है। इसलिए राज्य की वर्तमान विधानसभा में 26.67 मत पाने वाले उम्मीदवार का राज्यसभा में जाना तय माना जा रहा है।

वर्तमान विधानसभा में जहां सत्ताधारी झामुमो के 30 विधायक हैं, वहीं उसकी समर्थक कांग्रेस के कुल 17 विधायक हैं और दूसरी समर्थक पार्टी राजद का एक विधायक है। वहीं, मुख्य विपक्षी भाजपा के कुल 26 विधायक हैं और उसे कम से कम दो अन्य विधायकों के समर्थन का विश्वास है। ऐसे में राज्यसभा में सत्ताधारी गठबंधन और विपक्ष दोनों के एक-एक सदस्यों के चुने जाने की संभावना है।

राज्य में ईडी से जुड़ी कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि भाजपा की तकलीफ स्वाभाविक है। उसे पता चल गया है कि वह प्रदेश में राजनीतिक रूप से हाशिए पर जाने वाली है। संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है। आर्यन खान का मामला आपने देखा होगा। ईडी कार्रवाई को भी मैं उसी तरह के मामले की कड़ी के तौर पर देख रहा हूं। उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ जिस मामले को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं, वह 14 साल पुराना है और अब तक केंद्रीय जांच एजेंसी को कुछ नहीं मिला है। उन्होंने जातिगत जनगणना की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि पहले हुई जनगणना के जातीय आंकड़ों को जारी किया जाना चाहिए।

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