विधानसभा में कांग्रेस का हंगामा, सदन से किया वॉकआउट

विधानसभा के मानसून सत्र की सातवें दिन मंगलवार को कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्ष विस अध्यक्ष विपिन परमार के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गया। फिर सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कुछ मंत्रियों की बेनामी संपत्ति के मुद्दे पर सारा काम रोककर नियम-67 में स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा मांगी। सदन में अध्यक्ष ने इस चर्चा पर सरकार की टिप्पणी आने के बाद फैसला लेने की बात कही तो विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया। कांग्रेस विधायकों के इस व्यवहार की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने निंदा की। इसके बाद विपक्ष की गैरहाजिरी में ही प्रश्नकाल शुरू हुआ।

धरने पर बैठे कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष की आवाज दबा रही है। मीडिया पर खबरें न छापने को दबाव बनाया जा रहा है। विपक्ष की ओर से दीं चर्चाएं नहीं करवाई जा रही हैं। इसके बाद अध्यक्ष ने विपक्ष के सदस्यों को कार्यालय बुलाया और उनसे बात की। बाहर आने पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने मीडिया को बताया कि सदन में विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है। भीतर हुई चर्चा को सार्वजनिक न करने  के लिए मीडिया पर दबाव बनाया जा रहा है। इसके बाद 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष नियम-67 के तहत काम रोको प्रस्ताव पर अड़ गया। सारा काम रोककर प्रदेश में कुछ मंत्रियों की बेनामी संपत्ति की खरीद-फरोख्त के मामलों पर चर्चा के लिए अड़ा रहा।
विस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, नंदलाल, मोहन लाल ब्राक्टा और जगत सिंह नेगी से नियम-67 के तहत स्थगन प्रस्ताव पर सूचना मिली है, इसमें प्रदेश में बेनामी संपत्तियों की खरीद-फरोख्त के लिए चर्चा मांगी गई है। इसे टिप्पणी के लिए सरकार को भेजा है, जैसे ही जवाब आता है तो चर्चा की जाएगी। इसके बाद अध्यक्ष ने प्रश्नकाल आमंत्रित किया तो कांग्रेस विधायक हंगामा करते हुए वाकआउट कर गए। इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि ये लोग हिमाचल की जनता का नुकसान कर रहे हैं।
जनता का पैसा खर्च कर सवाल जुटाए गए हैं, यह इन्हें नहीं लगने दे रहे हैं। बेनामी संपत्तियों के मामले में इनके पास कोई तथ्य नहीं हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रश्नकाल चलाने के लिए कई सूचनाएं एकत्र करनी होती हैं। ऐसे में प्रश्नकाल होने चाहिएं।  नियम 67 के तहत इन्होंने नोटिस दिया है, मगर जब अध्यक्ष ने व्यवस्था दे दी कि सरकार की टिप्पणी मांगी गई है। इसमें वक्त लगेगा। विधानसभा अध्यक्ष के कमरे के बाहर पहली बार कोई भी विपक्ष धरने पर बैठा। इनको लगा कि खबर बनानी है। अध्यक्ष के खिलाफ इन्होंने सही टिप्पणियां नहीं की हैं।
स्वास्थ्य सुविधाओं पर विधायक ने घेर ली अपनी ही सरकार
जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां से भाजपा विधायक अरुण कुमार ने मंगलवार को स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर अपनी ही सरकार को घेर लिया। नियम 62 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाकर अरुण कुमार ने कांगड़ा स्थित फोर्टिस अस्पताल पर जानकारी छिपाने और टांडा अस्पताल में सुपर स्पेशलिटी सुविधाएं बंद होने का मामला उठाया। जवाब में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री राजीव सैजल ने कहा कि यह बात सही है कि जिला कांगड़ा में फोर्टिस अस्पताल में 28 कर्मचारी कोविड 19 से संक्रमित पाए गए हैं।

यह अस्पताल प्रतिदिन आंकडे़ शेयर कर रहा है। सदस्य की प्रोटोकॉल की चिंता सही है। सरकारी और निजी अस्पतालों को इसकी पालना करनी होगी। सदस्य की जो आशंका है कि बातें छिपाई जा रही हैं, इनकी यह आशंका निराधार है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला कांगड़ा में अब तक 53 हजार टेस्ट करवाए जा चुके हैं। अस्पताल की ओर से रोज आंकड़ों को जिला प्रशासन से साझा करवाया जा रहा है। टांडा में सभी सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि विधायक के सुझावों पर अमल किया जाएगा। 

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