शुक्रवार, 3 मई को किसानों की जागृति एवं प्रतिरोधी भावना का सामूहिक प्रदर्शन देखने में आया। मुजफ्फरनगर के जिला अधिकारी अरविन्द मलप्पा बंगारी विकास भवन में विभिन्न विभागों के कार्यों की जानकारी ले रहे थे कि अचानक दर्जनों किसान मीटिंग हॉल में घुस आये। पुरबालियान ग्राम के इन किसानों का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज पहलवान कर रहे थे। किसानों ने डीएम को बताया कि चकबन्दी अधिकारी किसानों से रिश्वत ऐंठने के लिए चकबंदी का कार्य 36 वर्षों से लटकाये हुए हैं और मनमर्जी का चक काटने के नाम पर किसानों से मोटी रकम वसूलते हैं। जो किसान भ्रष्ट अधिकारियों को रिश्वत नहीं देते, उनके चक गलत तरीके से काटे और लगाये जाते हैं। सुभाष और सतीश नामक किसानों ने जिला अधिकारी को बताया कि उन्होंने भ्रष्ट चकबंदी अमले को रिश्वत की भेंट नहीं चढाई तो उनके 5-5 बीघा के खेतों के 2-2 टुकड़े कर दिए गए।
चकबन्दी कार्य में अत्यधिक विलम्ब, पक्षपात और भ्रष्टाचार की गम्भीर शिकायतें सुन कर जिलाअधिकारी श्री बंगारी ने अपर आयुक्त चकबन्दी, अनुराग पटेल को कुछ ग्रामों की समीक्षा करने का निर्देश दिया। 26 ग्रामों की चकबन्दी कार्यों की समीक्षा में मात्र एक ग्राम में काम सन्तोषजनक पाया गया। ग्राम अटाली, टोडा, आलमपुर, पीपलशाह में चकबन्दी कार्य में 35 से लेकर 40 वर्षों तक की लेटलतीफी पाई गई। निश्चित रूप से किसानों से रिश्वत झटकने के उद्देश्य से भ्रष्ट अधिकारी चकबन्दी कार्य कछुआ गति से चलाते हैं।
‘देहात’ जिला अधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी की सराहना करता है कि उन्होंने ग्राम पुरबालियान के किसानों की गुहार सुनी और तुरन्त ही एक्शन लिया। चकबन्दी कानूनगो शिवराज सिंह व सहेन्द्र कुमार तथा चकबन्दी लेखपाल अनिरुद्ध शर्मा तथा अर्जुन सिंह को फौरन निलंबित कर दिया गया। इतना ही नहीं, तत्कालीन चकबन्दी अधिकारी अनुज सक्सेना व गिरीशचन्द के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की संस्तुति भी की गई।
जिलाअधिकारी इस लिए भी बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने ग्राम पुरबालियान की चकबन्दी में हुई धांधली को दुरुस्त करने को तत्काल कदम उठाया। जिला अधिकारी के निर्देश पर विभागीय टीम व राजस्व अधिकारी मौके पर पहुंच कर सही बन्दोबस्त करा रहे हैं। किसानों को यह बड़ी राहत है।
गोविन्द वर्मा