भारत में व्यापक स्वास्थ्य कवरेज की रुपरेखा तय करने के लिए ‘लांसेट नागरिक आयोग’ का गठन

भारत में व्यापक स्वास्थ्य कवरेज और प्रत्येक नागरिक के लिए गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए रूपरेखा तैयार करने के लक्ष्य से लांसेट के साथ मिलकर एक पैनल का गठन किया गया है। ‘लांसेट नागरिक आयोग’ का नेतृत्व स्वास्थ्य और व्यापार क्षेत्र की चार प्रतिष्ठित हस्तियां करेंगी। पैनल का गठन ‘लक्ष्मी मित्तल एंड फैमिली साउथ एशिया इंस्टीट्यूट’ और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के तत्वाधान में किया गया है।

स्वास्थ्य और उद्योग जगत की ये चार प्रतिष्ठित हस्तियां हैं… बायोकॉन लिमिटेड की कार्यकारी अध्यक्ष किरण मजूमदार शॉ, क्रिश्चन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर के प्रोफेसर गगनदीप कांग, हार्वर्ड मेडिकल स्कूल और हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और भारतीय एनजीओ संगठन के सह-संस्थापक विक्रम पटेल और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में जॉर्ज पावलो लेमैन प्रोफेसर तरुण खन्ना।

इन दिग्गजों ने कहा कि पैनल व्यापक स्वास्थ्य कवरेज सुनिश्चित करने और प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवा के लिए रूपरेखा तय करेगा।

आयोग के गठन पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि भारत के राज्य कई नवाचार कर रहे हैं और बेहतर तरीके खोज रहे हैं, ऐसे में सबसे अच्छी प्रणाली हम देश के भीतर से ही पा सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ राज्यों के स्वास्थ्य संकेतक अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत-बहुत उम्दा हैं। देश के भीतर ही सीखने के लिए काफी कुछ है।’’

कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्वामीनाथन ने कहा कि अच्छी बातों में से एक है गुणवत्तापूर्ण आंकड़ों का संकलन, क्योंकि उनके बगैर आपको पता नहीं चलेगा कि मानदंड क्या है कहां-कहां कमियां हैं।

स्वामीनाथन ने कहा, ‘‘ऐसे में पहला काम यह देखना है कि संकेतकों में कहां कहां कमियां हैं।’’ साथ ही उन्होंने कहा कि व्यापक पंजीकरण प्रणाली की भी आवश्यकता है।

उन्होंने सलाह दी, ‘‘मृत्यु का कारण किसी भी बीमारी के व्यापक प्रभाव को समझने का अच्छा तरीका है और ऐसे में शहरी क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रणाली की आवश्यकता है।’’

आयोग के दृष्टिकोण पर मजूमदार-शॉ का कहना है कि यह अपनी तरह का पहला सलाहकारी और भागीदारी वाला कदम है जिसका लक्ष्य व्यापक स्वास्थ्य सुविधाओं की मदद से सामाजिक-आर्थिक समानता लाना है।

कांग ने बताया कि कैसे यह नया पैनल पुराने प्रयासों से अलग है।

पटेल ने वर्तमान समय में इस आयोग के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘यह महामारी व्यापक स्वास्थ्य कवरेज मुहैया कराने की देश की आकांक्षाओं को पूरा करने का ऐतिहासिक अवसर दे रही है और हम आशा करते हैं कि देश की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर 15 अगस्त, 2022 तक अपना विश्लेषण प्रकाशित कर सकेंगे।’’

पीटीआई से बातचीत में पटेल ने कहा कि इससे पहले कभी ऐसा कोई प्रयास नहीं किया गया है, यह ऐतिहासिक कदम है।

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