अमेरिका में कोरोना का कहर जारी, अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी

कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ ही ऑक्सीजन और बेड की भारी कमी हो गई है। हालात इतने ज्यादा बिगड़ गए हैं कि अस्पतालों को अपने रिजर्व से ऑक्सीजन का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। 

ऑक्सीजन की भारी कमी

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के कई अस्पतालों के पास महज 12 से 24 घंटे की ही ऑक्सीजन शेष बची हुई है। ऐसे में हालात और भी ज्यादा भयाभय हो सकते हैं। यहां पर तेजी से कोरोना का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। गूगल ने न्यूयॉर्क टाइम्स के हवाले से संक्रमित लोगों की संख्या बताई है।रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के दक्षिणी राज्यों में हालात ज्यादा खराब हैं। जिसमें फ्लोरिडा, मिसिसिपी, जॉर्जिया, उत्तरी कैरोलिना, दक्षिण कैरोलिना और वेस्ट वर्जीनिया के अस्पताल शामिल हैं। यहां के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी है और सप्लाई भी बेहद कम है।

अतिरिक्त डोज की पड़ेगी जरूरत

अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ का कहना है कि सरकार नागरिकों के कोविड-19 वैक्सीनेशन के आठ महीने बाद ‘बूस्टर’ खुराक लेने की अनुशंसा पर कायम है लेकिन जैसे-जैसे आंकड़े सामने आएंगे उस हिसाब से इस नीति में बदलाव हो सकता है। 

डॉ. एंथनी फाउची ने कहा कि उन्हें इसमें कोई शक नहीं है कि वायरस के बेहद संक्रामक डेल्टा स्वरूप के मद्देनजर, लोगों को फाइजर या मॉडर्ना वैक्सीन की दो डोज लेने के बाद एक अतिरिक्त डोज की जरूरत पड़ेगी।वहीं, हम आपको बता दें कि डेल्टा स्वरूप से संक्रमित लोगों को अस्पताल में भर्ती किए जाने की जरूरत उन लोगों की तुलना में दोगुनी होती है, जो कोरोना वायरस के शुरुआती स्वरूपों से संक्रमित हुए हैं। यह खुलासा एक स्टडी में हुआ है।

इडा तूफान ने भी बढ़ाई चिंता

कोरोना महामारी के बीच में इडा तूफान ने भी चिंता बढ़ाई हुई है। हालांकि मिसीसिपी पहुंचते समय तूफान कमजोर पड़ गया। इसी बीच बाढ़ में फंसे लोगों के लिए बचाव एवं राहत अभियान को गति मिली और नावों और हेलिकॉप्टर के जरिए उन्हें निकालने का काम जारी है।

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