दुनिया भर में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने तबाही मचा रखी है। महामारी के चलते सभी देश स्वास्थ्य और आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दौर में लोगों के स्वास्थ्य और आर्थिक सहयोग को सुनिश्चित करने के लिए अधिक से अधिक वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय जल्द ही महामारी का कोई न कोई हल ढूढ़ लेगा।
राष्ट्रपति भवन की ओर से बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वैश्विक सहयोग को रेखांकित करते हुए कहा कि महामारी कोविड-19 से सामूहिक स्वास्थ्य और आर्थिक कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए अधिक से अधिक वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है।
एक वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में राष्ट्रपति ने स्विट्जरलैंड, माल्टा और बोत्सवाना के दूतों के परिचय पत्र स्वीकार किए। स्विट्जरलैंड के राजदूत राल्फ हेकेनर, माल्टा के उच्चायुक्त रूबेन गौसी और बोत्सवाना के उच्चायुक्त गिल्बर्ट शिमाने मैंगोले ने राष्ट्रपति कोविंद को अपने परिचय पत्र प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भारत के तीनों देशों के साथ मजबूत और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। तीनों देशों के संबंध शांति और समृद्धि की दृष्टि से बेहद गहरे हैं। राष्ट्रपति ने वर्ष 2021-22 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अस्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए तीनों देशों का शुक्रिया अदा किया।
भारत को 2021-22 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चुनावों में निर्विरोध अस्थायी सदस्य चुन लिया गया है।