एक नए अध्ययन में सामने आया है कि फाइजर के कोविड-19 टीके की तीसरी खुराक संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने से बचाव के लिए दो खुराकों के मुकाबले अधिक प्रभावी है। ‘लैंसेट रीजनल हेल्थ अमेरिकाज’ में प्रकाशित इस अध्ययन में टीकाकरण के आठ महीने बाद तक संक्रमण, अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति और मृत्यु के मामलों में फाइजर के टीके की दो खुराकों की प्रभावशीलता का आकलन किया गया है।
शोधार्थियों ने टीकाकरण के तीन महीने बाद तक इस टीके की तीसरी खुराक के प्रभाव का आकलन भी किया है। अध्ययन में दिसंबर 2020 से दिसंबर 2021 के बीच दक्षिण कैलिफोर्निया में हेल्थकेयर कंपनी ‘कैसर परमानेंटे’ के 31 लाख सदस्यों के इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड का विश्लेषण किया गया।
अध्ययन में सामने आया कि फाइजर बायोएनटेक के कोविड रोधी टीके की दो खुराकों के प्रभाव और तीन खुराकों के प्रभाव का आकलन किया गया तो पता चला कि तीसरी खुराक के साथ जो लाभ मिलते हैं वह दो खुराकों से मिलने वाले लाभ से अधिक हैं। उल्लेखनीय है कि इस अध्ययन के दौरान एक लाख 97 हजार 535 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए और इनमें से 15,786 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
इस अध्ययन के दौरान कोरोना वायरस का प्रधान वैरिएंट डेल्टा था न कि ओमिक्रॉन। इसमें सामने आया है कि फाइजर टीके की दो खुराकों से संक्रमण के खिलाफ मिलने वाली सुरक्षा पहले महीने के दौरान 85 फीसदी से आठ महीने बाद घट कर 49 फीसदी हो गई। हालांकि, अस्पताल में भर्ती होने के मामले में दो खुराकों से मिलने वाली सुरक्षा आठों महीनों तक 90 फीसदी बनी रही और इसमें कोई गिरावट दर्ज नहीं की गई।