नैनीताल, देहरादून, ऊधमसिंह नगर, अल्मोड़ा, बागेश्वर, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग जिले के ई कोर्ट वाहन रवाना हो गए हैं। शुक्रवार को हाईकोर्ट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान ने वाहनों को झंडी दिखाकर रवाना किया।
अदालतों में लंबित मामलों के त्वरित निस्तारण के उद्देश्य से 15 अगस्त को चमोली, टिहरी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ व चंपावत में मोबाइल ई-कोर्ट सेवा का शुभारंभ किया गया था। इन वाहनों के माध्यम से वादकारियों के बयान, गवाही आदि उनके घर के पास ही हो सकेगी।
इस मौके पर वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय मिश्रा, न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे, न्यायमूर्ति एनएस धानिक, न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा, न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा, महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर, सीएससी चंद्रशेखर रावत, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवतार सिंह रावत, पूर्व अध्यक्ष डीके शर्मा, रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी, रजिस्ट्रार न्यायिक धर्मेंद्र अधिकारी, रजिस्ट्रार कंप्यूटर अंबिका पंत, ओएसडी विवेक श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।
वैन में वीसी से होंगे जरूरतमंदों के बयान दर्ज
ई-कोर्ट वाहन में कोर्ट रूम तो है ही साथ ही इसमें इंटरनेट, कंप्यूटर, प्रिंटर भी हैं। वाहन में न्यायालय समन्वयक भी मौजूद रहेंगे। दूरस्थ क्षेत्रों के गवाहों, विशेषकर आपराधिक घटनाओं की जांच से जुड़े विवेचनाधिकारी और चिकित्सकों को उनके क्षेत्र से ही वैन से वीसी के माध्यम से सीधे कोर्ट से जोड़ा जाएगा और उनके बयान दर्ज किए जाएंगे।
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी ने बताया कि दूरस्थ क्षेत्रों की जो महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग गवाह न्यायालय आने में किसी वजह से असमर्थ हैं, वह सम्मन तामीली व्यक्ति के साथ ही राजस्व कर्मी, पीएलवी, ग्राम विकास अधिकारी, न्यायालय समन्वयक आदि को अपना प्रार्थना पत्र दे सकते हैं। ई-कोर्ट वाहन जिला एवं सत्र न्यायाधीश के नियंत्रण में संचालित होगा।