कोविड महामारी का रेलवे की आर्थिक स्थिति पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा: अश्विनी वैष्णव

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साफ तौर पर कहा है कि रेल किराए में जो रियायत पहले मिल रही थी, उसे फिर से बहाल करने का फिलहाल विचार नहीं है। उन्होंने साफ साफ शब्दों में यह कह दिया है कि बुजुर्गों और खिलाड़ियों को रेल किराए में अब कोई छूट नहीं दी जाएगी। आपको बता दें कि पहले रेल किराए में इन्हें छूट मिलती थी। लेकिन कोरोना महामारी के बाद से इसे बंद कर दिया गया है। रेल मंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि भारतीय रेल पहले से ही वरिष्ठ नागरिकों समेत यात्रियों के लिए यात्रा लागत पर 50 प्रतिशत से अधिक का खर्च पहले से वहन कर रही है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी का रेलवे की आर्थिक स्थिति पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा है और ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों समेत कई श्रेणियों के किराये में छूट का दायरा बढ़ाना वांछनीय नहीं है। 

हालांकि, रेल मंत्री ने यह भी कहा कि इन चुनौतियों के बावजूद भारतीय रेल ने दिव्यांगजनों की चार श्रेणियों, रोगियों एवं छात्रों की 11 श्रेणियों में किराये में छूट देना जारी रखा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण पिछले दो वर्षों की रेलवे की कमाई 2019-20 की तुलना में कम रही।  वैष्णव ने कहा कि इसी कारण वरिष्ठ नागरिकों समेत कई श्रेणियों के किराये में छूट का दायरा बढ़ाना वांछनीय नहीं है। सदन को रेल मंत्री ने यह भी बताया है कि बुजुर्गों को मिलने वाली रियायत से वर्ष 2019 से 20 में 1667 करोड़ रुपए का खर्च रेलवे को उठाना पड़ा। वहीं दो 2018-19 में 1636 करोड़ रुपए का खर्च उठाना पड़ा था। 

रेलवे परिसरों से 2,600 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुईं: सरकार

अग्निपथ योजना के खिलाफ रेलवे के परिसरों में प्रदर्शनों के मामलों में 2,642 लोगों को गिरफ्तार किया गया और इन प्रदर्शनों में दो लोगों की मौत हो गयी तथा 35 घायल हो गए। रेल मंत्री ने बुधवार को लोकसभा को यह जानकारी दी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी कहा कि अनेक आंदोलनों की वजह से सार्वजनिक व्यवस्था बिगड़ने के कारण रेल सेवाओं के अवरुद्ध होने के बाद यात्रियों को की गयी शुल्क वापसी के संबंध में अलग से आंकड़े नहीं रखे जाते। हालांकि उन्होंने कहा कि 14 जून से 22 जून तक ट्रेनें निरस्त होने की वजह से कुल 102.96 करोड़ रुपये किराये की वापसी की गयी। इसी अवधि में अग्निपथ योजना के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन हुए थे।

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