बिजली कर्मियों की विभाग के निजीकरण के विरोध में हड़ताल दूसरे दिन जारी रही। बिजली न होने के कारण लोगों को ठंड से ठिठुरना पड़ा है। अस्सी फीसदी शहर में अंधेरा छाया रहा। वहीं यह हड़ताल पीडीडी कार्डिनेशन कमेटी के आह्वान पर की जा रही है। रविवार शाम को प्रशासन के अनुरोध के बाद कई इलाकों के ग्रिडों को सेना ने अपने कब्जे में ले लिया है। पूरे संभाग में बिजली आपूर्ति सुचारु करने की कोशिश की जा रही है।
शनिवार को सुबह से ही बिजली गुल हुई थी, अभी तक बहाल नहीं हो पाई है। वहीं, कार्यालयों के बाहर प्रदर्शनकारियों ने भी प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। रविवार को दूसरे दिन सुबह से ही लोग बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए उच्च अधिकारियों से संपर्क करते रहे मगर अधिकारियों ने अपने फोन ही आफ कर दिए। इस कारण लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई।
लोगों को सारा समय धूप में बिताना पड़ा। लोग बार-बार बिजली आन आफ करते रहे। देर शाम तक जब कोई फैसला नहीं आया तो लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई। मोमवत्ती और इमरजेंसी लाइटों को जलाकर कमरों को रोशन करना पड़ा। वहीं, दिन के समय दुकानों में लाइट न होने पर किराये पर जनरेटर हायर किए।
बिजली न होने से मोबाइल फोन तक चार्ज नहीं हो पाए। इससे संदेशों का आदान पदान नहीं हो पाया है। शाम ढलते ही गलियां में अंधेरा छा गया। लोगों को आने जाने में भी परेशनी आई है। दोपहर 12 बजे के आसपास इनवटर भी बंद हो गए। देर शाम को लोगों ने खुली जगहों में आग जलाकर भी समय पास किया। दिन के समय एटीएम भी बंद हो गए। इस कारण लोगों को राशि निकालने में काफी परेशानी पेश आई है। लोग पैसा निकालने के लिए यहां वहां भागते रहे।